Stock Market Today 30 जुलाई 2025

Stock Market Today: 30 जुलाई 2025 को बाजार की चाल और निवेश के लिए जरूरी जानकारियां

भारतीय शेयर बाजार आज यानी 30 जुलाई 2025 को मिले-जुले वैश्विक संकेतों के बीच धीमी शुरुआत कर सकता है। सेंसेक्स और निफ्टी के लिए दिन की शुरुआत थोड़ी सतर्क बनी रहेगी, खासकर डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के निर्यात पर 25% तक उच्च टैरिफ की संभावना की धमकी के चलते। इससे बाजार में कुछ दबाव देखने को मिल सकता है,

आज का भारतीय स्टॉक मार्केट का अपडेट

  • मंगलवार को सेंसेक्स 446.93 अंक की बढ़त के साथ 81,337.95 पर बंद हुआ और निफ्टी 140.20 अंक की तेजी के साथ 24,821.10 पर रहा।
  • हालांकि आज वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुख का असर भारतीय बाजार में दिखने की संभावना है। जापान, हांगकांग और दक्षिण कोरिया के बाज़ारों में अलग-अलग दिशा रही है।
  • अमेरिकी बाजार में भी कुछ गिरावट देखी गई, जिससे भारतीय बाजार पर भी अस्थिरता का दबाव है।
  • विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का आउटफ्लो जारी है, लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की मजबूत खरीदारी से नुकसान कम करने में मदद मिलती दिख रही है।

आज किन शेयरों पर रहेगा फोकस?

  • बैंक ऑफ इंडिया ने चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 32.2% नेट प्रॉफिट ग्रोथ का आंकड़ा दिया है, जिसके कारण इसके शेयर पर नजरें बनी रहेंगी।
  • त्रिवेणी इंजीनियरिंग, पिरामल एंटरप्राइजेज और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के शेयर भी आज सक्रिय रहने की संभावना है।
  • कुछ कंपनियां पावर ग्रिड, हुंडई मोटर इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, टाटा स्टील आदि अपने तिमाही परिणाम आने को लेकर चर्चा में हैं जो बाजार को आगे प्रभावित कर सकते हैं।

बाजार के प्रमुख संकेत और दिशा

  • निफ्टी 24,850 के स्तर को पार करने की कोशिश करेगा लेकिन यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
  • बाजार में चालू माह के अंत तक IPO, QIP, और SME के माध्यम से मजबूत पूंजी जुटाने की रफ्तार देखी गई है, जो बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हैं।
  • अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और भारत के मुद्रा विनिमय दर में गिरावट से निवेशकों का मनोबल प्रभावित हो सकता है।

निवेशकों के लिए सुझाव

  • बाजार में सतर्कता रखें, खासकर विदेशी निवेशकों के बिकवाली के दौर में।
  • बैंकिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स के ट्रेंड पर नजर रखें।
  • अपनी निवेश रणनीति में विविधता बनाए रखें और लंबी अवधि के लिए निवेश करने पर विचार करें।
  • तिमाही परिणाम आने वाले शेयरों पर ध्यान दें क्योंकि वे बाजार में भारी उतार-चढ़ाव ला सकते हैं।

निष्कर्ष

30 जुलाई 2025 को भारतीय शेयर बाजार वैश्विक दबावों और घरेलू आर्थिक संकेतों के मिश्रित प्रभाव के चलते सतर्क भाव के साथ खुल सकता है। हालांकि पिछले दिन की अच्छी तेजी से बाजार में खरीदारी की संभावनाएं बनी हैं। निवेशक अपनी रणनीति को पूरी तरह जांच-परख कर बाजार में कदम रखें और प्रमुख कंपनी के तिमाही परिणामों एवं विदेशी निवेश के रुख पर विशेष ध्यान दें।

how to check IPO Allotment Status

IPO Allotment Status कैसे चेक करें? आसान और पूरी गाइड के साथ जानिए अब!

IPO Allotment Status कैसे चेक करें अपना स्टेटस? पूरा विवरण और आसान तरीका

जब आप किसी कंपनी के Initial Public Offering (IPO) में शेयर खरीदने के लिए आवेदन करते हैं, तो आपकी सबसे बड़ी जिज्ञासा यह होती है कि क्या आपको शेयर आवंटित हुए या नहीं। यही जानकारी IPO Allotment Status कहलाती है। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि आप अपना IPO allotment status कैसे आसानी से ऑनलाइन चेक कर सकते हैं, किन वेबसाइटों पर जाना होगा, क्या-क्या डिटेल्स चाहिए और ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बातें।

IPO Allotment Status क्या है?

IPO Allotment Status बताता है कि आपने जो आईपीओ में आवेदन किया था, उसमें कुल कितने शेयर आपको मिले। क्योंकि आईपीओ सामान्यतः ज्यादा लोगों द्वारा सब्सक्राइब होते हैं, इसलिए आवंटन लॉटरी या अन्य तरीके से किया जाता है, और हर आवेदक को शेयर नहीं मिलते। allotment status से पता चलता है कि आप शेयर पाते हैं या नहीं।

IPO Allotment Status कैसे चेक करें? (Step-by-Step)

आप कई माध्यमों से अपना IPO status ऑनलाइन आसानी से जान सकते हैं। नीचे मुख्य तरीकों का विस्तार से उल्लेख है:

1. IPO Registrar की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं

IPO अप्लिकेशन की प्रक्रिया और allotment आमतौर पर Registrar कंपनी द्वारा मैनेज की जाती है। जैसे Link Intime, KFintech (Karvy), Bigshare आदि।

  • सबसे पहले अपनी IPO की registrar वेबसाइट खोलें।
  • वहां 'IPO Allotment Status' या 'Check Allotment' वाला लिंक खोजें।
  • IPO के नाम या ड्रॉपडाउन मेनू में उस IPO को सेलेक्ट करें, जिसमें आपने आवेदन किया था।
  • अब आवेदन के लिए मांगे गए डिटेल्स भरें, जैसे:
  1. PAN कार्ड नंबर या
  2. IPO एप्लीकेशन नंबर या
  3. देमेट क्लाइंट आईडी (DP ID)
  • Submit या Search पर क्लिक करें।
  • आपकी allotment स्थिति स्क्रीन पर दिखाई देगी।
हर IPO का एक रजिस्ट्रार होता है जो allotment की प्रक्रिया संभालता है, जैसे कि Link Intime, KFin Technologies, या Bigshare Services। आप इनके वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं: वहां आपको सिर्फ नीचे दी गई जानकारी देनी होती है:

2. NSE और BSE की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर चेक करना

अगर registrar वेबसाइट पर समस्या हो या आपको सुविधा सही न लगे तो आप इंडियन स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट पर जाकर भी चेक कर सकते हैं।

  • NSE (nseindia.com) की IPO सेक्शन में जाएं।
  • BSE (bseindia.com) के Investors सेक्शन में IPO Allotment Status चेक करें।
  • अपनी एप्लीकेशन नंबर, PAN आदि डालकर जानकारी प्राप्त करें।

3. मोबाइल ऐप्स और थर्ड पार्टी वेबसाइट्स

कुछ वित्तीय ऐप्स जैसे Groww, Angel One, Zerodha आदि पर भी IPO allotment status की सुविधा मिलती है। यहाँ भी वही डिटेल्स भरनी होती हैं। साथ ही कुछ वेबसाइट जैसे ipowatch.in आदि पर IPO allotment की जानकारी अपडेट होती रहती है, जहाँ आप आसानी से स्टेटस देख सकते हैं।

IPO Allotment चेक करने के लिए जरूरी डिटेल्स क्या हैं?

  • PAN कार्ड नंबर: यह सबसे जरूरी और सामान्य तरीका है।
  • IPO Application Number / Bid Number: आवेदन के समय आपको मिला होता है।
  • Depository Participant (DP) ID और Client ID: यदि आपने डिमेट अकाउंट के जरिए लगाया है।
  • Bank Account नंबर: कभी कभी बैंक अकाउंट से भी डिटेल्स मांगी जाती हैं।

ध्यान दें कि डिटेल्स सही भरना बहुत जरूरी है अन्यथा allotment status नहीं दिखाई देगा।

कब होगा IPO Allotment?

आमतौर पर IPO का आवेदन बंद होने के 5-7 दिन बाद allotment होता है। allotment होने के साथ इस जानकारी को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाता है। आपको इंडिया सरकार के नियमन अनुसार allotment status पता चल जाता है।

अगर IPO Allotment नहीं मिला तो क्या करें?

  • अगर allotment status “No Allotment” दिखाता है तो घबराएं नहीं।
  • ऐसे मामलों में लागू राशि आपको अपने बैंक अकाउंट में वापस ट्रांसफर कर दी जाती है।
  • रिफंड की प्रक्रिया आमतौर पर allotment के लगभग 7-10 कार्य दिवसों में पूरी हो जाती है।
  • ध्यान दें कि आवेदन करते समय दी गई बैंक डिटेल्स सही होनी चाहिए ताकि रिफंड सही मिले।

IPO Allotment Status चेक करने का सारांश

चरणविवरण
1IPO Registrar की वेबसाइट पर जाएं जैसे Link Intime, KFintech
2IPO का नाम सेलेक्ट करें
3PAN नंबर या एप्लीकेशन नंबर या DP Client ID डालें
4Submit/ Search पर क्लिक करें
5allotment स्थिति देखें और डाउनलोड भी कर सकते हैं

महत्वपूर्ण सुझाव

  • allotment status चेक करते समय हमेशा आधिकारिक और भरोसेमंद वेबसाइटों का ही उपयोग करें।
  • PAN नंबर गलत दर्ज न करें, इससे जानकारी नहीं मिलेगी।
  • allotment के बाद शेयर अपने Demat खाते में जमा हो जाते हैं, उन्हें जरूर चेक करना चाहिए।
  • IPO के allotment से जुड़ी नई अपडेट के लिए कंपनी की वेबसाइट, registrar या stock exchange की वेबसाइट नियमित देखें।
  • अगर allotment हो जाता है, तो शेयर का लिस्टिंग डेट भी देखें ताकि आप सही समय पर ट्रेड कर सकें।
7th pay commission hike-salary-dearness-Allowance

7वें वेतन आयोग में इस जुलाई आपकी सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी? जानिए हर डिटेल!

7वें वेतन आयोग के तहत सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, इस पर जानकारी इस समय प्रमुख रूप से महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ोतरी के संदर्भ में मिल रही है। केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 से महंगाई भत्ते (Dearness Allowance - DA) को मूल वेतन के 53% से बढ़ाकर 55% कर दिया था, और अब जुलाई 2025 से इसमे और 3% तक की बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे DA 58% तक पहुंच सकता है

7वें वेतन आयोग में सैलरी वृद्धि का ताजा हाल

  • 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 से लागू हुआ था और दिसंबर 2025 में इसका कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
  • केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) जुलाई 2025 से बढ़ाया जाएगा, जो जुलाई से लागू होकर अक्टूबर 2025 तक खातों में जमा हो जाएगा।
  • पिछली बार मार्च 2025 में DA 2% बढ़ा था, जनवरी 2025 से DA 55% था, अब उसमें बढ़ोतरी लगभग 3% की होगी, यानी DA करीब 58% तक पहुंच सकता है।
  • इस DA वृद्धि का सीधा असर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में होगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन ₹25,000 है तो DA 55% पर ₹13,750 होता है, 58% पर यह लगभग ₹14,500 हो जाएगा, जिससे करीब ₹750 की बढ़ोतरी होगी।
  • यह जुलाई 2025 की अंतिम DA वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त होगा और उसके बाद 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी।

कुल वेतन वृद्धि और अन्य बातें

  • 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर मूल वेतन वृद्धि का कोई नया बड़ा बदलाव अब नहीं होने की संभावना है, केवल DA के बदलाव से ही सैलरी में इजाफा होगा।
  • 8वें वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू होने वाला है, जिसमें बेसिक सैलरी और अन्य भत्तों में नए बदलाव हो सकते हैं। जहां तक अब तक की जानकारी है, न्यूनतम बेसिक सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी के बजाय मामूली सुधार की उम्मीद है।
  • महंगाई भत्ता गणना खुदरा महंगाई (CPI-IW) के आधार पर छह महीने में एक बार किया जाता है, जो केंद्र सरकार की आधिकारिक प्रक्रिया है। मार्च से मई 2025 तक CPI-IW में सुधार हुआ है, जिससे DA में वृद्धि के संकेत मिले हैं।

सारांश (Summary)

घटकवर्तमान प्रतिशत (जनवरी 2025)संभावित बढ़ोतरी (जुलाई 2025)नए प्रतिशतअसर (उदाहरण ₹25,000 बेसिक वेतन)
महंगाई भत्ता (DA)55%लगभग 3%58% तक₹13,750 से बढ़कर ₹14,500 के करीब
  • 7वें वेतन आयोग के तहत यह जुलाई 2025 की DA वृद्धि अंतिम मानी जाती है।
  • बेसिक सैलरी में अभी तक कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ है, नए सिरे से 8वें वेतन आयोग के आने के बाद ही बदलाव की उम्मीद है।
  • इस वृद्धि से लगभग 33 लाख केंद्रीय कर्मचारी एवं 66 लाख पेंशनर्स को लाभ मिलेगा।
सैय्यारा’ सॉन्ग कॉपी होने के आरोप पर तनिष्क बागची ने किया चौकाने वाला खुलासा

दिशा पटानी की बहन खुशबू ने फूटा कथावाचक पर गुस्सा, लाइव-इन रिलेशनशिप पर दिए सेक्सिस्ट बयान की कड़ी निंदा

दिशा पटानी की बहन खुशबू का कथावाचक पर फूटा गुस्सा: महिलाओं पर दिया विवादित बयान

हाल ही में आध्यात्मिक गुरु और कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज द्वारा महिलाओं और खासकर लाइव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली लड़कियों को लेकर एक अपमानजनक और सेक्सिस्ट बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस बयान में उन्होंने कहा कि 25 साल की लड़कियां "4-5 जगह मुंह मारती हैं"  एक ऐसी टिप्पणी जो समाज में महिलाओं के प्रति गहरी लैंगिक असम्मान और पूर्वाग्रह को दर्शाती है।

इस विवादित बयान के तुरंत बाद दिशा पटानी की बहन और पूर्व भारतीय सेना अधिकारी खुशबू पटानी ने इस बयान की तीखी निंदा करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने गुस्से को खुलकर व्यक्त किया।

खुशबू पटानी की तीखी प्रतिक्रिया

खुशबू पटानी ने कहा कि यदि यह टिप्पणी उनके सामने होती, तो वे कथावाचक को तुरंत समझातीं कि "मुंह मारना क्या होता है"। उन्होंने इस बयान को लैंगिक पक्षपात और समाज की पुरानी सोच करार दिया। उन्होंने अनिरुद्धाचार्य और उनके समर्थकों को “ना-मर्द” और “अंति-राष्ट्रवादी” तक कहा और उन लोगों की आलोचना की जो ऐसे अपमानजनक विचारों का समर्थन करते हैं।

खुशबू के लिए यह सिर्फ एक टिप्पणी नहीं थी, बल्कि महिलाओं के खिलाफ एक खतरनाक मानसिकता का प्रदर्शन था जिसे समाज में बदला जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि लाइव-इन रिलेशनशिप में दो लोग होते हैं, फिर भी केवल महिलाओं को ही निशाना बनाना साफ लिंगभेद है।

दुहाई और पक्षपात पर सवाल

उन्होंने सवाल उठाया कि महिलाओं को ही क्यों टारगेट किया जा रहा है, जबकि पुरुष भी समान रूप से इन रिश्तों का हिस्सा होते हैं। इस संपूर्ण घटना को उन्होंने लड़कियों पर "मोरल पुलिसिंग" और पुरानी सोच का हिस्सा बताया, जो महिलाओं की स्वतंत्रता और सम्मान के खिलाफ है।

खुशबू पटानी ने कहा कि ऐसे वक्तव्यों से ना केवल महिलाओं का अपमान होता है, बल्कि समाज के नैतिक विकास और लैंगिक समानता की राह में बाधा आती है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों से अपील की कि वे ऐसे कथावाचकों और विचारधाराओं का समर्थन करना बंद करें, जो महिलाओं को तोहमत लगाते हैं और समाज को बांटते हैं।

खुशबू पटानी कौन हैं?

खुशबू पटानी एक पूर्व भारतीय सेना मेजर हैं और दिशा पटानी की बड़ी बहन। उन्होंने लगभग 11 वर्षों तक सेना सेवा की है और अपनी कड़ी मेहनत और सम्मानजनक सेवा के लिए जानी जाती हैं। सेना से सेवानिवृत्ति के बाद वे फिटनेस ट्रेनर, न्यूट्रीशनिस्ट और ध्यान शिक्षिका के तौर पर भी सक्रिय हैं। उनका सशक्त और निर्भीक व्यक्तित्व उन्हें सोशल मीडिया पर एक सम्मानित और प्रभावशाली आवाज बनाता है।

सामाजिक प्रतिक्रिया और समर्थन

खुशबू पटानी की इस प्रतिक्रिया को सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों पर भारी समर्थन मिला। झूठे और पक्षपाती बयानों के खिलाफ उनकी स्पष्टता और साहस को लोगों ने सराहा। साथ ही, यह घटना महिलाओं की स्वतंत्रता और समाज में लैंगिक समानता के मुद्दे पर एक नई बहस को जन्म देती दिखाई दे रही है।

निष्कर्ष

दिशा पटानी की बहन खुशबू पटानी ने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के महिलाओं और लाइव-इन रिलेशनशिप को लेकर विवादित, अपमानजनक और सेक्सिस्ट बयान के खिलाफ निर्भीक आवाज़ उठाई। उन्होंने इस असंतुलित और लिंग भेदपूर्ण मानसिकता को कठोर शब्दों में नकारते हुए महिलाओं के सम्मान और समानता की महत्ता पर जोर दिया। यह प्रतिक्रिया न केवल बॉलीवुड परिवार की मजबूत छवि पेश करती है, बल्कि सामाजिक सुधार और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरक कदम भी साबित होती है।

जानिए आज के सोने के भाव: 30 जुलाई 2025 को सोना हुआ महंगा या सस्ता?

आज का सोना भाव - 30 जुलाई 2025: भारत में सोने की कीमतों की पूरी जानकारी

आज 30 जुलाई 2025 को भारत में 24 कैरेट सोने का भाव ₹98,266 प्रति 10 ग्राम है, जो पिछले दिन से ₹710 (0.72%) की बढ़ोतरी को दर्शाता है। वहीं 22 कैरेट सोने का भाव ₹90,077 प्रति 10 ग्राम रिकॉर्ड किया गया है, जो पिछले मूल्य से थोड़ा उछाल दिखा रहा है।

प्रमुख विवरण:

माप24 कैरेट (₹)22 कैरेट (₹)
1 ग्राम₹9,827₹9,008
2 ग्राम₹19,653₹18,015
5 ग्राम₹49,133₹45,039
8 ग्राम₹78,613₹72,062
10 ग्राम₹98,266₹90,077
100 ग्राम₹9,82,660₹9,00,772

आज के सोने के दाम में उतार-चढ़ाव

  • आज सोना भाव लगभग स्थिर रहा, पर 24 कैरेट सोने में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है।
  • पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतों में हल्की गति अपरिहार्य रही है।
  • बाजार में सोने की मांग ऑस्ट्रलिया और चीन से अपेक्षाकृत स्थिर बनी हुई है।

प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें (₹/10 ग्राम)

शहर24 कैरेट22 कैरेट
मुंबई₹94,504₹90,004
दिल्ली₹94,714₹90,204
बेंगलुरु₹94,874₹90,354
कोलकाता₹95,554₹91,004
हैदराबाद₹93,664₹89,204
पुणे₹94,504₹90,004

सोने की कीमत को प्रभावित करने वाले कारक

  • वैश्विक सोने की कीमत: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने के भाव में उतार-चढ़ाव भारत की कीमतों पर तुरंत असर डालता है।
  • डॉलर की विनिमय दर: अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपए की मजबूती या कमजोरी सोने की कीमतों को प्रभावित करती है।
  • सरकारी कर और शुल्क: भारत में सोने पर अक्टूबर 2025 वित्त बजट के बाद कुछ राज्यों में टैक्स बदलाव की बात चल रही है, जो कीमतों का एक कारक हो सकती है।
  • मांग और आपूर्ति: त्योहारों और शादी के सीजन में मांग बढ़ने से कीमतें बढ़ सकती हैं।

पिछले 10 दिनों का सोना भाव ट्रेंड (24 कैरेट / 10 ग्राम)

तारीखकीमत (₹)
21 जुलाई 2025₹99,388
22 जुलाई 2025₹100,248
23 जुलाई 2025₹100,014
24 जुलाई 2025₹98,846
25 जुलाई 2025₹97,922
26 जुलाई 2025₹97,806
27 जुलाई 2025₹97,806
28 जुलाई 2025₹97,556
29 जुलाई 2025₹98,174
30 जुलाई 2025₹98,266

निष्कर्ष

30 जुलाई 2025 को भारत में सोने की कीमतों में हल्की तेजी देखी गई है, जो इस पीले धातु की निवेश और मांग में बरकरार रुचि को दर्शाती है। यदि आप सोना खरीदने या बेचने का विचार कर रहे हैं, तो आज के रेट आपके निर्णय के लिए मुख्य आधार हो सकते हैं। समय-समय पर वैश्विक बाजार और स्थानीय एक्साइज ड्यूटी में बदलावों पर नजर रखना फायदेमंद रहेगा।

PM-Kisan Yojana-6000-rupye-kaise-nikale

जानिए कैसे पीएम किसान योजना से छोटे किसानों को मिलती है सालाना ₹6,000 की सीधी मदद!

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan Yojana) के तहत किसानों को सालाना ₹6,000 की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में तीन किस्तों में दी जाती है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा छोटे और सीमांत किसानों की वित्तीय स्थिति सुधारने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के उद्देश्य से 1 फरवरी 2019 को शुरू की गई थी.

पीएम-किसान योजना से किसानों को सालाना ₹6,000 की मदद कैसे मिलती है?

पात्रता: योजना का लाभ उन किसान परिवारों को मिलता है जिनके पास खेती योग्य भूमि है, और वे छोटे या सीमांत किसान हैं। योजना के तहत पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे एक परिवार के रूप में गिने जाते हैं। किसानों को अपने नाम से कृषि योग्य भूमि का प्रमाण देना होता है।

आर्थिक सहायता: पात्र किसानों को हर साल कुल ₹6,000 की मदद मिलती है, जो तीन समान किश्तों में आती है। प्रत्येक किस्त ₹2,000 की होती है, जो लगभग हर 4 महीने पर सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।

भुगतान का तरीका (DBT): योजना के तहत वितरण डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से होता है, जिससे पैसे सीधे बैंक खाते में भेजे जाते हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शिता, दक्षता और शीघ्रता सुनिश्चित करती है, तथा कहीं पर भी भ्रष्टाचार की संभावना को कम करती है।

आवेदन प्रक्रिया: किसान स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारियों, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से या आधिकारिक पीएम-किसान पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन में भूमि का प्रमाण, आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण इत्यादि आवश्यक होते हैं।

  • पहली किस्त: ₹2,000 (अप्रैल–जुलाई)
  • दूसरी किस्त: ₹2,000 (अगस्त–नवंबर)
  • तीसरी किस्त: ₹2,000 (दिसंबर–मार्च)
यह पूरी प्रक्रिया DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से होती है, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाती है और पैसा सीधे किसान के खाते में पहुँचता है।

पैसे का उपयोग: किसानों को सहायता राशि के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है। वे इसे बीज, खाद, कीटनाशक, खेती के अन्य जरूरी खर्च, या निजी जरूरतों के लिए उपयोग कर सकते हैं। इसका उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करना और उन्हें साहूकारों के जंजाल से बचाना है।

लाभार्थी पहचान और सत्यापन: राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेश पात्र किसानों की पहचान करती हैं और लाभार्थियों की सूची अपडेट करती हैं। गलत डेटा पर योजना का लाभ नहीं मिलता और फर्जी लाभ प्राप्त करने पर कार्यवाही होती है।

पीएम-किसान योजना के फायदे और महत्व

  • किसानों की आय में स्थिरता लाना और आर्थिक मदद प्रदान करना।
  • कृषि से जुड़ी खर्चों में सहायता देना ताकि किसान बेहतर कृषि कर सकें।
  • साहूकारों से सस्ते ब्याज पर लोन उपलब्ध कराना।
  • पूरी देश में लगभग करोड़ों किसानों को सीधी नकदी सहायता।
 

PM-KISAN की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर:

https://pmkisan.gov.inवहाँ आधार कार्ड, जमीन के दस्तावेज़ और बैंक खाते की जानकारी देकर फॉर्म भरना होता है।

कैसे चेक करें पैसा आया या नहीं?

किसान अपने PM-KISAN खाते की स्थिति इस वेबसाइट से देख सकते हैं:https://pmkisan.gov.in/homenew.aspx 

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक प्रभावी वित्तीय सहायता योजना है जो भारत के छोटे और सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष ₹6,000 की राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर करती है। यह योजना किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण पहल है।

जगदीप धनखड़ ने अचानक क्यों दिया इस्तीफा? जानिए सरकारी दबाव और घटनाक्रम की पूरी कहानी

जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया? कैसे और क्यों?

1. त्यागपत्र की प्रक्रिया

21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति बंद अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को लिखित में इस्तीफा भेजा, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को मुख्य वजह बताया और डॉक्टरों की सलाह का हवाला दिया।

इसके बाद राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया और वह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया। यह इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत होता है, जिसमें उपराष्ट्रपति अपने पद से स्वतंत्र रूप से इस्तीफा दे सकते हैं।

2. इस्तीफे के पीछे के स्वास्थ्य कारण

धनखड़ ने बताया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार उन्होंने इस्तीफा दिया। मार्च और जून 2025 में उनकी सेहत खराब होने की खबरें भी आई थीं। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों के अलावा इस निर्णय के पीछे राजनीतिक दबाव की अफवाहें भी थीं।

3. राजनीतिक दबाव और घटनाक्रम

राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार और धनखड़ के बीच मतभेद बढ़ रहे थे। विशेष रूप से, धनखड़ ने विपक्ष के एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव का जिक्र किया था, जो सरकार को नागवार गुजरा। इस असहमति के कारण कथित तौर पर उन्हें इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया।

सरकार ने उन्हें बताया कि यदि वे इस्तीफा नहीं देंगे, तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। इसके बाद धनखड़ ने इस्तीफा देना ही बेहतर समझा।

4. इस्तीफे का दिन, घटनाक्रम की टाइमलाइन

  • 21 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन ही यह बदलाव हुआ।
  • धनखड़ ने कई बैठकें कीं लेकिन राजनीतिक स्थिति तनावपूर्ण थी।
  • शाम 7:30 बजे उन्हें बड़े मंत्री द्वारा फोन कर इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया।
  • करीब 9:25 बजे उन्होंने आधिकारिक तौर पर इस्तीफा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
  • राष्ट्रपति के समक्ष इस्तीफा जमा कराया गया और स्वीकार कर लिया गया।

5. इस्तीफे के बाद की स्थिति

धनखड़ का इस्तीफा भारत के इतिहास में उपराष्ट्रपति पद पर नियुक्ति के दौरान एक असामान्य कदम था। उपराष्ट्रपति पद वैसे भी संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण होता है और उनकी समय से पहले इस्तीफा देने से राजनीति में हलचल मची।

फिलहाल उपसभापति हरिवंश राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, और जल्द ही नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

निष्कर्ष

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारण बताकर आया, लेकिन इसके पीछे राजनीतिक दबाव और केंद्र सरकार के साथ असहमति का भी बड़ा रोल था। यह इस्तीफा भारतीय राजनीति में संवैधानिक पदों के महत्व और राजनीतिक समीकरणों की जटिलता को दर्शाता है।

10 मिनट के मुकाबले में केंद्र ने जगदीप धनखड़ को भेजा इस्तीफे का ‘सेकंड-टू-फाइव’ अल्टीमेटम!

10 मिनट टू 5 पीएम: केंद्र ने कैसे पूरी की जगदीप धनखड़ की डेडलाइन?

परिचय

21 जुलाई 2025 को भारतीय राजनीति में एक बड़ा और अचानक बदलाव आया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे का समय और प्रक्रिया खासतौर पर ध्यान देने योग्य रही क्योंकि केंद्र सरकार ने शाम 5 बजे के लगभग डेडलाइन तय की थी, जिसे मिनटों के भीतर पूरा किया गया। इस लेख में हम उस रोचक टाइमलाइन, राजनीतिक दबाव, स्वास्थ्य कारण और केंद्र की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

इस्तीफा और डेडलाइन की पृष्ठभूमि

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को अचानक, स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया। उनकी यह घोषणा संसद के मानसून सत्र के पहली दिन हुई, और उनकी पदावधि इससे पहले 2027 अगस्त तक थी। इस्तीफा देने की प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत हुई, जिसमें उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को लिखित इस्तीफा देते हैं और स्वीकार किए जाने पर वह तुरंत प्रभावी होता है।

केंद्र सरकार ने इस इस्तीफा तुरंत आवश्यक मान्यता दी, और माना जाता है कि शाम 5 बजे तक इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया। यह डेडलाइन राजनीतिक और प्रशासनिक कारणों से तय की गई थी ताकि उपराष्ट्रपति पद की रिक्तता को शासन व्यवस्था प्रभावित न करे।

दिन भर की टाइमलाइन: 1 बजे से 5 बजे तक का मंथन

  • दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ की अध्यक्षता में राज्यसभा के व्यापार सलाहकार समिति की बैठक हुई, जिसमें सरकार के महत्वपूर्ण मंत्री और सदस्य उपस्थित थे।
  • दोपहर 4:30 बजे के लिए अगली बैठक टाली गई क्योंकि सरकार का कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ था।
  • दोपहर 5 बजे से पहले कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं ने उपराष्ट्रपति से मुलाकातें कीं। यह माना जा रहा है कि इन वार्तालापों में भविष्य की राजनीति और इस्तीफे पर चर्चा हुई।
  • वहीं, इसी दिन विपक्ष द्वारा उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के खिलाफ अनुशासनात्मक प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसे उपराष्ट्रपति ने मंजूर किया था, जो केंद्र के राजनीतिक एजेंड़े के खिलाफ माना गया।
  • शाम लगभग 9:25 बजे, धनखड़ ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर इस्तीफे की घोषणा की, जो अब तक से लेकर शाम 5 बजे की डेडलाइन से पहले की सीधी कार्रवाई का परिणाम था।

राजनीतिक दबाव और केंद्र की रणनीति

विश्लेषकों के अनुसार, उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारण के अलावा गहरे राजनीतिक कारण भी थे। केंद्र सरकार की रणनीति को देखते हुए यह समझा गया कि विपक्ष द्वारा न्यायाधीश के खिलाफ कार्यवाही के बाद केंद्र ने उपराष्ट्रपति को लेकर अपना असंतोष जताया था। एक संभावित अविश्वास प्रस्ताव का डर भी था, जिसे टालने के लिए इस्तीफा लेना जरूरी समझा गया।

केंद्र की ओर से इस डेडलाइन पर कार्रवाई कर इस्तीफे को शीघ्र स्वीकार कर लेने का मकसद उपराष्ट्रपति पद की रिक्ति को लेकर सियासी स्थिरता बनाए रखना तथा आगामी सत्र कार्यों में व्यवधान से बचना था।

स्वास्थ्य कारणों का हवाला: क्या था सच?

धनखड़ ने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों और चिकित्सकीय सलाह का उल्लेख किया। हालांकि, उनकी सक्रियता और दिनभर के कार्यों को देखकर कुछ राजनीतिक जानकार इस तर्क पर संदेह भी जता रहे हैं। परंतु सीवी के अनुसार, उनका यह निर्णय अंततः राजनीतिक और व्यक्तिगत दोनों ही पहलुओं को मिलाकर लिया गया था।

निष्कर्ष: कैसे केंद्र ने डेडलाइन पर बनाया फाइनल फैसला

केंद्र सरकार ने 21 जुलाई के दिन हर स्तर पर तेज़ी से काम करते हुए उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को अपना लिया। राजनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए रणनीतिक इंतजाम किए गए और डेडलाइन तक यह सुनिश्चित किया गया कि पद खाली होने के बावजूद लोकतांत्रिक प्रक्रिया बाधित न हो।

यह घटना भारतीय लोकतंत्र में संवैधानिक पदों की अहमियत, राजनीतिक समीकरण और समय की महत्ता को दर्शाती है।

13 साल बाद निर्देशन की कुर्सी पर लौटे मानव कौल

13 साल बाद निर्देशन की कुर्सी पर लौटे मानव कौल: अपनी किताब से पर्दे पर उड़ाएंगे हिमालयी जादू!

मानव कौल की निर्देशन में 13 साल बाद वापसी: अपनी किताब 'साक्षात्कार' के साथ नया सफर

अभिनेता, लेखक और नाट्य निर्देशक मानव कौल 13 साल के लंबे अंतराल के बाद फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में वापसी करने जा रहे हैं। उनके निर्देशन के इस नए प्रोजेक्ट का आधार उनकी 2024 में प्रकाशित पुस्तक 'साक्षात्कार' है, जिसे अब उन्होंने स्क्रीनप्ले में परिवर्तित कर हिमालय की खूबसूरत वादियों में फिल्माए जाने की तैयारी शुरू कर दी है।

13 साल बाद निर्देशक बने मानव कौल: कहानी और शूटिंग

मानव कौल की यह फिल्म उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल की कुछ अनछुई लोकेशनों पर शूट की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह फिल्म एक मनोरंजक ज़ोन में है, जिसमें हास्य और एक दिलचस्प कहानी दोनों का समावेश है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता व्यावसायिकता से अधिक अच्छी फिल्म बनाने की है, जिससे दर्शकों का दिल जीत सकें।

फिल्म में मानव कौल स्वयं भी मुख्य भूमिका निभाएंगे, साथ ही कुमुद मिश्रा, मानसि भवळकर और कुछ रंगमंच कलाकार भी इसके हिस्से होंगे। शूटिंग नवंबर 2025 में शुरू होगी।

मानव कौल का मकसद और उनकी फिल्म की विशिष्टता

मानव कहते हैं कि वे चाहते हैं कि यह फिल्म दर्शकों को एक नया अनुभव दे, जो पारंपरिक और व्यावसायिक फिल्मों से अलग और अधिक व्यक्तिगत हो। उनका मानना है कि यदि स्क्रिप्ट मजबूत होगी तो फिल्म अपने दर्शक स्वयं बनाएगी। वे अपने थिएटर के अनुभव और अपने पाठकों के बेस को ध्यान में रखते हुए ऐसा फिल्म निर्माण करना चाहते हैं, जिससे दर्शक आनंद लें।

यह वापसी मानव कौल के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है, जहां वे निर्देशन के साथ-साथ अभिनय में भी संतुलन बनाए रखेंगे।

हिमालय की पृष्ठभूमि और स्थानीय संस्कृति का संलयन

फिल्म का परिवेश हिमालय है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विशेष सांस्कृतिक विरासत के कारण भारतीय सिनेमा में एक अनोखा मंच प्रदान करता है। मानव ने इस क्षेत्र के सुदूर और कम छुए हुए इलाकों को चुना है, जिससे फिल्म में वास्तविकता और ताजगी बनी रहे।

मानव कौल की जीवनी और उपलब्धियां

मानव कौल, जिनका जन्म 19 दिसंबर 1976 को हुआ था, न केवल एक प्रशंसित अभिनेता और नाटककार हैं, बल्कि लेखक और निर्देशकों में भी गिने जाते हैं। उन्हें "तुम्हारी सुलु" और "साइना" जैसी फिल्मों के लिए विशेष पहचान मिली है। वे थिएटर से शुरू होकर फिल्म और वेब सीरीज में अपनी छाप छोड़ चुके हैं।

निष्कर्ष: एक सशक्त निर्देशन के लिए नया अध्याय

मनव कौल की यह वापसी बताती है कि भारतीय सिनेमा में कथानक-प्रधान और सांस्कृतिक रूप से मजबूत फिल्मों की भूख बनी हुई है। 13 साल बाद निर्देशन में लौटते हुए, वे अपनी किताब की कहानी के माध्यम से दर्शकों के दिलों को छूने का प्रयास करेंगे। उनके इस कदम से हिंदी सिनेमा में नए अंदाज और विषद कथाओं का क्रमशः समावेश होगा।

Elli-AvrRam-ने-क्यों-कहा-अलविदा-बॉलीवुड-स्टाइल-बर्थडे-पार्टी-को

जब Elli AvrRam ने बदल दी बॉलीवुड बर्थडे पार्टी की परिभाषा.. सच जानकर रह जाएंगे हैरान!

Elli AvrRam ने क्यों कहा अलविदा बॉलीवुड-स्टाइल बर्थडे पार्टी को?

परिचय: चमक-दमक से हटकर दिल जीतने वाला फैसला

बॉलीवुड में सेलिब्रिटीज़ के जन्मदिन धूमधाम और ग्लैमर के लिए मशहूर होते हैं। पर Elli AvrRam ने इस बार कुछ अलग करने की ठानी है उन्होंने बड़े और भव्य बर्थडे समारोह को छोड़कर सादगी, अपनापन और निजी खुशियों को चुना है।

समस्या: क्या बड़ी पार्टियों में रह गया है अपनापन कम?

बड़े बॉलीवुड पार्टियों में अक्सर व्यक्तित्व और संबंधों की कमी महसूस होती है। जहां कैमरे, मीडिया, और सेलेब गेस्टलिस्ट की भरमार रहती है, वहीं असली जश्न और निजी जुड़ाव शायद खो जाता है।

Elli AvrRam का समाधान: परिवार और दोस्तों के बीच खास पल

Elli ने खुलकर बताया कि वह इस बार अपने जन्मदिन पर सिर्फ करीबी दोस्तों और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहती हैं। उनकी प्राथमिकता अब चकाचौंध नहीं, बल्कि दिल से जुड़े रिश्ते और यादगार पल हैं। Elli का मानना है कि यही असली खुशी का कारण है।

उदाहरण: बॉलीवुड में बदलता है जन्मदिन सेलिब्रेशन का ट्रेंड

सिर्फ Elli ही नहीं, पिछले कुछ समय में कई सेलेब्रिटीज़ भी भव्य पार्टियों को छोड़ निजी और मीनिंगफुल सेलिब्रेशन को तवज्जो दे रहे हैं। जो दिखाता है कि पर्सनल फुलफिलमेंट और सच्ची खुशी अब सेलिब्रिटी कल्चर का नया ट्रेंड बन रहा है।

चर्चा: बदलती सोच और सामाजिक संदेश

Elli का कदम सिर्फ उनकी व्यक्तिगत पसंद का नहीं, बल्कि बदलती सोच और सामाजिक संदेश का प्रतीक भी है। वह यह दिखाती हैं कि मुख्यधारा की भीड़ से हटकर अपनी असली खुशियों को चुनना भी सही है और शायद यही आज के युवाओं, फैंस व समाज के लिए असल प्रेरणा है।

निष्कर्ष: Elli ने दी नई परिभाषा असली जश्न की

बॉलीवुड सितारों की दुनिया में Elli AvrRam का यह निर्णय बताता है कि असली जश्न वहां है, जहां अपना और अपनों का साथ हो न कि सिर्फ दिखावे और शोर में। उनका यह बदलाव बाकी सेलिब्रिटीज़ और आम लोगों के लिए भी मिसाल है।

संदर्भ

  • हालिया मीडिया इंटरव्यू और Elli AvrRam के ऑफिशियल सोशल मीडिया पोस्ट
  • बॉलीवुड ट्रेंड्स और मीनिंगफुल सेलिब्रेशन पर रिपोर्ट्स
  • भारतीय स्टार लाइफस्टाइल के बदलते पहलू
Back to Top
Product has been added to your cart