Stock Market Today 30 जुलाई 2025

Stock Market Today: 30 जुलाई 2025 को बाजार की चाल और निवेश के लिए जरूरी जानकारियां

भारतीय शेयर बाजार आज यानी 30 जुलाई 2025 को मिले-जुले वैश्विक संकेतों के बीच धीमी शुरुआत कर सकता है। सेंसेक्स और निफ्टी के लिए दिन की शुरुआत थोड़ी सतर्क बनी रहेगी, खासकर डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के निर्यात पर 25% तक उच्च टैरिफ की संभावना की धमकी के चलते। इससे बाजार में कुछ दबाव देखने को मिल सकता है,

आज का भारतीय स्टॉक मार्केट का अपडेट

  • मंगलवार को सेंसेक्स 446.93 अंक की बढ़त के साथ 81,337.95 पर बंद हुआ और निफ्टी 140.20 अंक की तेजी के साथ 24,821.10 पर रहा।
  • हालांकि आज वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुख का असर भारतीय बाजार में दिखने की संभावना है। जापान, हांगकांग और दक्षिण कोरिया के बाज़ारों में अलग-अलग दिशा रही है।
  • अमेरिकी बाजार में भी कुछ गिरावट देखी गई, जिससे भारतीय बाजार पर भी अस्थिरता का दबाव है।
  • विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) का आउटफ्लो जारी है, लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की मजबूत खरीदारी से नुकसान कम करने में मदद मिलती दिख रही है।

आज किन शेयरों पर रहेगा फोकस?

  • बैंक ऑफ इंडिया ने चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 32.2% नेट प्रॉफिट ग्रोथ का आंकड़ा दिया है, जिसके कारण इसके शेयर पर नजरें बनी रहेंगी।
  • त्रिवेणी इंजीनियरिंग, पिरामल एंटरप्राइजेज और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के शेयर भी आज सक्रिय रहने की संभावना है।
  • कुछ कंपनियां पावर ग्रिड, हुंडई मोटर इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, टाटा स्टील आदि अपने तिमाही परिणाम आने को लेकर चर्चा में हैं जो बाजार को आगे प्रभावित कर सकते हैं।

बाजार के प्रमुख संकेत और दिशा

  • निफ्टी 24,850 के स्तर को पार करने की कोशिश करेगा लेकिन यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
  • बाजार में चालू माह के अंत तक IPO, QIP, और SME के माध्यम से मजबूत पूंजी जुटाने की रफ्तार देखी गई है, जो बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हैं।
  • अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और भारत के मुद्रा विनिमय दर में गिरावट से निवेशकों का मनोबल प्रभावित हो सकता है।

निवेशकों के लिए सुझाव

  • बाजार में सतर्कता रखें, खासकर विदेशी निवेशकों के बिकवाली के दौर में।
  • बैंकिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स के ट्रेंड पर नजर रखें।
  • अपनी निवेश रणनीति में विविधता बनाए रखें और लंबी अवधि के लिए निवेश करने पर विचार करें।
  • तिमाही परिणाम आने वाले शेयरों पर ध्यान दें क्योंकि वे बाजार में भारी उतार-चढ़ाव ला सकते हैं।

निष्कर्ष

30 जुलाई 2025 को भारतीय शेयर बाजार वैश्विक दबावों और घरेलू आर्थिक संकेतों के मिश्रित प्रभाव के चलते सतर्क भाव के साथ खुल सकता है। हालांकि पिछले दिन की अच्छी तेजी से बाजार में खरीदारी की संभावनाएं बनी हैं। निवेशक अपनी रणनीति को पूरी तरह जांच-परख कर बाजार में कदम रखें और प्रमुख कंपनी के तिमाही परिणामों एवं विदेशी निवेश के रुख पर विशेष ध्यान दें।

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जानिए कैसे पीएम किसान योजना से छोटे किसानों को मिलती है सालाना ₹6,000 की सीधी मदद!

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan Yojana) के तहत किसानों को सालाना ₹6,000 की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में तीन किस्तों में दी जाती है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा छोटे और सीमांत किसानों की वित्तीय स्थिति सुधारने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के उद्देश्य से 1 फरवरी 2019 को शुरू की गई थी.

पीएम-किसान योजना से किसानों को सालाना ₹6,000 की मदद कैसे मिलती है?

पात्रता: योजना का लाभ उन किसान परिवारों को मिलता है जिनके पास खेती योग्य भूमि है, और वे छोटे या सीमांत किसान हैं। योजना के तहत पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे एक परिवार के रूप में गिने जाते हैं। किसानों को अपने नाम से कृषि योग्य भूमि का प्रमाण देना होता है।

आर्थिक सहायता: पात्र किसानों को हर साल कुल ₹6,000 की मदद मिलती है, जो तीन समान किश्तों में आती है। प्रत्येक किस्त ₹2,000 की होती है, जो लगभग हर 4 महीने पर सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।

भुगतान का तरीका (DBT): योजना के तहत वितरण डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से होता है, जिससे पैसे सीधे बैंक खाते में भेजे जाते हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शिता, दक्षता और शीघ्रता सुनिश्चित करती है, तथा कहीं पर भी भ्रष्टाचार की संभावना को कम करती है।

आवेदन प्रक्रिया: किसान स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारियों, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से या आधिकारिक पीएम-किसान पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन में भूमि का प्रमाण, आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण इत्यादि आवश्यक होते हैं।

  • पहली किस्त: ₹2,000 (अप्रैल–जुलाई)
  • दूसरी किस्त: ₹2,000 (अगस्त–नवंबर)
  • तीसरी किस्त: ₹2,000 (दिसंबर–मार्च)
यह पूरी प्रक्रिया DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से होती है, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाती है और पैसा सीधे किसान के खाते में पहुँचता है।

पैसे का उपयोग: किसानों को सहायता राशि के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है। वे इसे बीज, खाद, कीटनाशक, खेती के अन्य जरूरी खर्च, या निजी जरूरतों के लिए उपयोग कर सकते हैं। इसका उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करना और उन्हें साहूकारों के जंजाल से बचाना है।

लाभार्थी पहचान और सत्यापन: राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेश पात्र किसानों की पहचान करती हैं और लाभार्थियों की सूची अपडेट करती हैं। गलत डेटा पर योजना का लाभ नहीं मिलता और फर्जी लाभ प्राप्त करने पर कार्यवाही होती है।

पीएम-किसान योजना के फायदे और महत्व

  • किसानों की आय में स्थिरता लाना और आर्थिक मदद प्रदान करना।
  • कृषि से जुड़ी खर्चों में सहायता देना ताकि किसान बेहतर कृषि कर सकें।
  • साहूकारों से सस्ते ब्याज पर लोन उपलब्ध कराना।
  • पूरी देश में लगभग करोड़ों किसानों को सीधी नकदी सहायता।
 

PM-KISAN की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर:

https://pmkisan.gov.inवहाँ आधार कार्ड, जमीन के दस्तावेज़ और बैंक खाते की जानकारी देकर फॉर्म भरना होता है।

कैसे चेक करें पैसा आया या नहीं?

किसान अपने PM-KISAN खाते की स्थिति इस वेबसाइट से देख सकते हैं:https://pmkisan.gov.in/homenew.aspx 

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक प्रभावी वित्तीय सहायता योजना है जो भारत के छोटे और सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष ₹6,000 की राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर करती है। यह योजना किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण पहल है।

जगदीप धनखड़ ने अचानक क्यों दिया इस्तीफा? जानिए सरकारी दबाव और घटनाक्रम की पूरी कहानी

जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया? कैसे और क्यों?

1. त्यागपत्र की प्रक्रिया

21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति बंद अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को लिखित में इस्तीफा भेजा, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को मुख्य वजह बताया और डॉक्टरों की सलाह का हवाला दिया।

इसके बाद राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया और वह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया। यह इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत होता है, जिसमें उपराष्ट्रपति अपने पद से स्वतंत्र रूप से इस्तीफा दे सकते हैं।

2. इस्तीफे के पीछे के स्वास्थ्य कारण

धनखड़ ने बताया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार उन्होंने इस्तीफा दिया। मार्च और जून 2025 में उनकी सेहत खराब होने की खबरें भी आई थीं। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों के अलावा इस निर्णय के पीछे राजनीतिक दबाव की अफवाहें भी थीं।

3. राजनीतिक दबाव और घटनाक्रम

राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार और धनखड़ के बीच मतभेद बढ़ रहे थे। विशेष रूप से, धनखड़ ने विपक्ष के एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव का जिक्र किया था, जो सरकार को नागवार गुजरा। इस असहमति के कारण कथित तौर पर उन्हें इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया।

सरकार ने उन्हें बताया कि यदि वे इस्तीफा नहीं देंगे, तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। इसके बाद धनखड़ ने इस्तीफा देना ही बेहतर समझा।

4. इस्तीफे का दिन, घटनाक्रम की टाइमलाइन

  • 21 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन ही यह बदलाव हुआ।
  • धनखड़ ने कई बैठकें कीं लेकिन राजनीतिक स्थिति तनावपूर्ण थी।
  • शाम 7:30 बजे उन्हें बड़े मंत्री द्वारा फोन कर इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया।
  • करीब 9:25 बजे उन्होंने आधिकारिक तौर पर इस्तीफा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
  • राष्ट्रपति के समक्ष इस्तीफा जमा कराया गया और स्वीकार कर लिया गया।

5. इस्तीफे के बाद की स्थिति

धनखड़ का इस्तीफा भारत के इतिहास में उपराष्ट्रपति पद पर नियुक्ति के दौरान एक असामान्य कदम था। उपराष्ट्रपति पद वैसे भी संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण होता है और उनकी समय से पहले इस्तीफा देने से राजनीति में हलचल मची।

फिलहाल उपसभापति हरिवंश राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, और जल्द ही नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

निष्कर्ष

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारण बताकर आया, लेकिन इसके पीछे राजनीतिक दबाव और केंद्र सरकार के साथ असहमति का भी बड़ा रोल था। यह इस्तीफा भारतीय राजनीति में संवैधानिक पदों के महत्व और राजनीतिक समीकरणों की जटिलता को दर्शाता है।

10 मिनट के मुकाबले में केंद्र ने जगदीप धनखड़ को भेजा इस्तीफे का ‘सेकंड-टू-फाइव’ अल्टीमेटम!

10 मिनट टू 5 पीएम: केंद्र ने कैसे पूरी की जगदीप धनखड़ की डेडलाइन?

परिचय

21 जुलाई 2025 को भारतीय राजनीति में एक बड़ा और अचानक बदलाव आया जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया। इस इस्तीफे का समय और प्रक्रिया खासतौर पर ध्यान देने योग्य रही क्योंकि केंद्र सरकार ने शाम 5 बजे के लगभग डेडलाइन तय की थी, जिसे मिनटों के भीतर पूरा किया गया। इस लेख में हम उस रोचक टाइमलाइन, राजनीतिक दबाव, स्वास्थ्य कारण और केंद्र की रणनीति पर चर्चा करेंगे।

इस्तीफा और डेडलाइन की पृष्ठभूमि

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को अचानक, स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया। उनकी यह घोषणा संसद के मानसून सत्र के पहली दिन हुई, और उनकी पदावधि इससे पहले 2027 अगस्त तक थी। इस्तीफा देने की प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत हुई, जिसमें उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को लिखित इस्तीफा देते हैं और स्वीकार किए जाने पर वह तुरंत प्रभावी होता है।

केंद्र सरकार ने इस इस्तीफा तुरंत आवश्यक मान्यता दी, और माना जाता है कि शाम 5 बजे तक इस प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया गया। यह डेडलाइन राजनीतिक और प्रशासनिक कारणों से तय की गई थी ताकि उपराष्ट्रपति पद की रिक्तता को शासन व्यवस्था प्रभावित न करे।

दिन भर की टाइमलाइन: 1 बजे से 5 बजे तक का मंथन

  • दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ की अध्यक्षता में राज्यसभा के व्यापार सलाहकार समिति की बैठक हुई, जिसमें सरकार के महत्वपूर्ण मंत्री और सदस्य उपस्थित थे।
  • दोपहर 4:30 बजे के लिए अगली बैठक टाली गई क्योंकि सरकार का कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ था।
  • दोपहर 5 बजे से पहले कांग्रेस समेत विपक्षी नेताओं ने उपराष्ट्रपति से मुलाकातें कीं। यह माना जा रहा है कि इन वार्तालापों में भविष्य की राजनीति और इस्तीफे पर चर्चा हुई।
  • वहीं, इसी दिन विपक्ष द्वारा उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के खिलाफ अनुशासनात्मक प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसे उपराष्ट्रपति ने मंजूर किया था, जो केंद्र के राजनीतिक एजेंड़े के खिलाफ माना गया।
  • शाम लगभग 9:25 बजे, धनखड़ ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर इस्तीफे की घोषणा की, जो अब तक से लेकर शाम 5 बजे की डेडलाइन से पहले की सीधी कार्रवाई का परिणाम था।

राजनीतिक दबाव और केंद्र की रणनीति

विश्लेषकों के अनुसार, उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारण के अलावा गहरे राजनीतिक कारण भी थे। केंद्र सरकार की रणनीति को देखते हुए यह समझा गया कि विपक्ष द्वारा न्यायाधीश के खिलाफ कार्यवाही के बाद केंद्र ने उपराष्ट्रपति को लेकर अपना असंतोष जताया था। एक संभावित अविश्वास प्रस्ताव का डर भी था, जिसे टालने के लिए इस्तीफा लेना जरूरी समझा गया।

केंद्र की ओर से इस डेडलाइन पर कार्रवाई कर इस्तीफे को शीघ्र स्वीकार कर लेने का मकसद उपराष्ट्रपति पद की रिक्ति को लेकर सियासी स्थिरता बनाए रखना तथा आगामी सत्र कार्यों में व्यवधान से बचना था।

स्वास्थ्य कारणों का हवाला: क्या था सच?

धनखड़ ने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों और चिकित्सकीय सलाह का उल्लेख किया। हालांकि, उनकी सक्रियता और दिनभर के कार्यों को देखकर कुछ राजनीतिक जानकार इस तर्क पर संदेह भी जता रहे हैं। परंतु सीवी के अनुसार, उनका यह निर्णय अंततः राजनीतिक और व्यक्तिगत दोनों ही पहलुओं को मिलाकर लिया गया था।

निष्कर्ष: कैसे केंद्र ने डेडलाइन पर बनाया फाइनल फैसला

केंद्र सरकार ने 21 जुलाई के दिन हर स्तर पर तेज़ी से काम करते हुए उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को अपना लिया। राजनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए रणनीतिक इंतजाम किए गए और डेडलाइन तक यह सुनिश्चित किया गया कि पद खाली होने के बावजूद लोकतांत्रिक प्रक्रिया बाधित न हो।

यह घटना भारतीय लोकतंत्र में संवैधानिक पदों की अहमियत, राजनीतिक समीकरण और समय की महत्ता को दर्शाती है।

13 साल बाद निर्देशन की कुर्सी पर लौटे मानव कौल

13 साल बाद निर्देशन की कुर्सी पर लौटे मानव कौल: अपनी किताब से पर्दे पर उड़ाएंगे हिमालयी जादू!

मानव कौल की निर्देशन में 13 साल बाद वापसी: अपनी किताब 'साक्षात्कार' के साथ नया सफर

अभिनेता, लेखक और नाट्य निर्देशक मानव कौल 13 साल के लंबे अंतराल के बाद फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में वापसी करने जा रहे हैं। उनके निर्देशन के इस नए प्रोजेक्ट का आधार उनकी 2024 में प्रकाशित पुस्तक 'साक्षात्कार' है, जिसे अब उन्होंने स्क्रीनप्ले में परिवर्तित कर हिमालय की खूबसूरत वादियों में फिल्माए जाने की तैयारी शुरू कर दी है।

13 साल बाद निर्देशक बने मानव कौल: कहानी और शूटिंग

मानव कौल की यह फिल्म उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल की कुछ अनछुई लोकेशनों पर शूट की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह फिल्म एक मनोरंजक ज़ोन में है, जिसमें हास्य और एक दिलचस्प कहानी दोनों का समावेश है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता व्यावसायिकता से अधिक अच्छी फिल्म बनाने की है, जिससे दर्शकों का दिल जीत सकें।

फिल्म में मानव कौल स्वयं भी मुख्य भूमिका निभाएंगे, साथ ही कुमुद मिश्रा, मानसि भवळकर और कुछ रंगमंच कलाकार भी इसके हिस्से होंगे। शूटिंग नवंबर 2025 में शुरू होगी।

मानव कौल का मकसद और उनकी फिल्म की विशिष्टता

मानव कहते हैं कि वे चाहते हैं कि यह फिल्म दर्शकों को एक नया अनुभव दे, जो पारंपरिक और व्यावसायिक फिल्मों से अलग और अधिक व्यक्तिगत हो। उनका मानना है कि यदि स्क्रिप्ट मजबूत होगी तो फिल्म अपने दर्शक स्वयं बनाएगी। वे अपने थिएटर के अनुभव और अपने पाठकों के बेस को ध्यान में रखते हुए ऐसा फिल्म निर्माण करना चाहते हैं, जिससे दर्शक आनंद लें।

यह वापसी मानव कौल के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है, जहां वे निर्देशन के साथ-साथ अभिनय में भी संतुलन बनाए रखेंगे।

हिमालय की पृष्ठभूमि और स्थानीय संस्कृति का संलयन

फिल्म का परिवेश हिमालय है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विशेष सांस्कृतिक विरासत के कारण भारतीय सिनेमा में एक अनोखा मंच प्रदान करता है। मानव ने इस क्षेत्र के सुदूर और कम छुए हुए इलाकों को चुना है, जिससे फिल्म में वास्तविकता और ताजगी बनी रहे।

मानव कौल की जीवनी और उपलब्धियां

मानव कौल, जिनका जन्म 19 दिसंबर 1976 को हुआ था, न केवल एक प्रशंसित अभिनेता और नाटककार हैं, बल्कि लेखक और निर्देशकों में भी गिने जाते हैं। उन्हें "तुम्हारी सुलु" और "साइना" जैसी फिल्मों के लिए विशेष पहचान मिली है। वे थिएटर से शुरू होकर फिल्म और वेब सीरीज में अपनी छाप छोड़ चुके हैं।

निष्कर्ष: एक सशक्त निर्देशन के लिए नया अध्याय

मनव कौल की यह वापसी बताती है कि भारतीय सिनेमा में कथानक-प्रधान और सांस्कृतिक रूप से मजबूत फिल्मों की भूख बनी हुई है। 13 साल बाद निर्देशन में लौटते हुए, वे अपनी किताब की कहानी के माध्यम से दर्शकों के दिलों को छूने का प्रयास करेंगे। उनके इस कदम से हिंदी सिनेमा में नए अंदाज और विषद कथाओं का क्रमशः समावेश होगा।

स्मृति ईरानी ने क्यों दिया क्योंकि सास भी कभी थी सेट पर मिसकैरेज का रिपोर्ट

स्मृति ईरानी ने क्यों दिया क्योंकि सास भी कभी थी सेट पर मिसकैरेज का रिपोर्ट, जानिए पूरी सचाई

"स्मृति ईरानी को 'क्योंकि सास भी कभी थी' सेट पर साबित करना पड़ा मिसकैरेज, वजह सुनकर चौंक जाएंगे आप!"

क्योंकि सास भी कभी थी के सेट पर स्मृति ईरानी को देना पड़ा मिसकैरेज का सबूत, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

टीवी शो "क्योंकि सास भी कभी थी" के आइकॉनिक किरदार तुलसी के रूप में मशहूर स्मृति ईरानी ने हाल ही में अपने एक खास और दर्दनाक अनुभव का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि जब उनका मिसकैरेज हुआ था, उस दौरान शो के मेकर्स को उनकी बात पर यकीन नहीं हुआ था। उन्हें अपनी असली स्थिति साबित करने के लिए अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट दिखानी पड़ी थी।

स्मृति ईरानी ने राज शमानी के पोडकास्ट में अपनी यह कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि इस दौरान वे शो के निर्माता दिवंगत रवि चोपड़ा और एकता कपूर के साथ काम कर रही थीं। रवि चोपड़ा ने स्मृति को केवल एक हफ्ते की छुट्टी दी, जबकि एकता कपूर लगातार रोज़ाना एपिसोड के प्रमाणीकरण में व्यस्त थीं।

पर जब प्रोडक्शन टीम को लगा कि स्मृति इस बात को झूठा साबित कर सकती हैं क्योंकि शूटिंग रोकना संभव नहीं था, तो उन्होंने स्नान के बाद हॉस्पिटल रिपोर्ट दिखाई। इस रिपोर्ट ने उनको मजबूर कर दिया कि वे अपनी बात साबित करें और मेकर्स को अपने मिसकैरेज के बारे में यकीन दिलाएं।

एक्ट्रेस ने यह भी बताया कि अपने बच्चों के जन्म के बाद भी उन्हें शूटिंग पर जल्दी लौटना पड़ता था, क्योंकि शो ऑन-एयर रहता था। इस कड़ी मेहनत और समर्पण ने ही तुलसी के किरदार को टीवी इतिहास में अमर बना दिया।

यह घटना उनके करियर के सबसे चुनौतीपूर्ण पलों में से एक थी, जो आज भी दर्शकों के लिए प्रेरणादायक है। स्मृति ईरानी की यह कहानी इस बात की गवाही है कि शूटिंग के दौरान कलाकारों की व्यक्तिगत परेशानियां भी कितनी गहरी होती हैं और उन्हें कैसे सहना पड़ता है।

वर्तमान में "क्योंकि सास भी कभी थी" का रीबूट 29 जुलाई 2025 से STAR Plus पर प्रसारित हो रहा है, जिसमें स्मृति ईरानी फिर से अपनी भूमिका में नजर आ रही हैं। इस शो की वापसी को लेकर फैंस भी काफी उत्साहित हैं।

शाहरुख या सलमान नहीं, ये एक्टर थे पहली बार 1 करोड़ फीस लेने वाले स्टार

शाहरुख या सलमान नहीं बल्कि इस एक्टर को पहली बार ऑफर हुई थी 1 करोड़ रुपये की फीस। यह स्टार कोई और नहीं बल्कि साउथ इंडियन फिल्मों के महानायक चिरंजीवी हैं।

1990 के दशक में जब बॉलीवुड के बड़े सितारे जैसे अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, सलमान खान अपनी फीस लाखों और फिर करोड़ों में ले रहे थे, उसी दौर में चिरंजीवी ने पहली बार एक फिल्म के लिए 1 करोड़ रुपयों से भी अधिक की फीस चार्ज कर इतिहास रच दिया था।

उनकी चर्चित फिल्म “आपदबंधवुदु” के लिए उन्हें करीब 1.25 करोड़ रुपये फीस दी गई थी, जो उस वक्त के लिए बहुत बड़ी रकम थी। इस रिकॉर्ड के साथ उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में सबसे पहले इतना मोटा फीस पाने वाले अभिनेता का खिताब पाया।

उस समय बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन भी 90 लाख रुपये तक फीस लेते थे, जबकि चिरंजीवी ने इस आंकड़े को पार कर दिया था। इसके बाद कमल हासन, रजनीकांत जैसे दिग्गज सितारों ने भी अपनी फीस बढ़ाई।

चिरंजीवी ने तेलुगु सिनेमा में अपने अभिनय के दम पर अपनी एक खास जगह बनाई। न केवल साउथ, बल्कि पूरे भारत में अपने एक्शन और ड्रामा से उन्होंने लाखों दिल जीते।

यह बात इसलिए भी खास है क्योंकि आमतौर पर बॉलीवुड अभिनेताओं को भारत में सबसे महंगे माना जाता है, लेकिन चिरंजीवी ने यह साबित किया कि साउथ के स्टार्स भी बड़ी फीस लेने में पीछे नहीं हैं।

इस तरह, शाहरुख खान या सलमान खान से पहले एक करोड़ की फीस लेने वाला पहला भारतीय अभिनेता चिरंजीवी ही थे, जिन्होंने दक्षिण भारतीय सिनेमा का नाम पूरे देश में रोशन किया।

नाग पंचमी 2025: क्यों नहीं बनती तवा रोटी? परंपरा, आस्था और विज्ञान की पूरी कहानी

नाग पंचमी 2025: नाग पंचमी पर क्यों नहीं बनाई जाती तवा रोटी? जानिए परंपरा के पीछे की आस्था और विज्ञान

नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन खासकर नाग देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है। भारत के कई हिस्सों में एक अनोखी परंपरा है इस दिन तवे पर रोटी नहीं बनाई जाती। लेकिन क्या है इस परंपरा के पीछे का रहस्य? आइए जानते हैं, नाग पंचमी पर तवा रोटी बनाने से क्यों बचा जाता है।

तवा और राहु का संबंध

ज्योतिष शास्त्र में तवे को राहु ग्रह का प्रतीक माना जाता है। राहु एक छाया ग्रह है, जिसका संबंध भ्रम, संकट और अशुभ प्रभावों से होता है। नाग पंचमी के दिन तवे (जो नाग के फन जैसा दिखता है) को गर्म करना राहु के प्रभाव को बढ़ावा देता है, जिससे परिवार में अस्थिरता, अड़चने और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक कारण

नाग देवता इस दिन विशेष रूप से पूजे जाते हैं। माना जाता है कि तवा नाग के फन का प्रतीक है, और उसे गर्म करना नाग देवता के सम्मान में कमी माना जाता है। इसलिए तवे पर रोटी बनाना एक तरह से उनकी अपमानना होती है, जो उनसे क्रोध जगा सकता है। कई जगहों पर यह परंपरा पक्के भई है कि नाग पंचमी पर तवे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ताकि नाग देवता खुश रहें और परिवार में सुख-शांति बनी रहे।

परंपरागत पालन और अन्य भोजन

इस दिन लोग तवे पर तली रोटी बल्कि गात्रनायक या बिना तवे के बने भोजन जैसे कि पूरी, खीर, हलवा, पनीर, या उबला हुआ भोजन बनाकर नाग देवताओं को भोग लगाते हैं। इससे राहु की ऊर्जा शांत रहती है और नाग दोष, कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

विज्ञान की दृष्टि से

तवे को गर्म करने में उपयोग होने वाली लौ, लोहा और आंच राहु के तत्त्व माने जाते है। जब ये तीनों तत्व (अन्न, अग्नि और लोहे का तत्त्व) एक साथ एक खास दिन जैसे नाग पंचमी पर संयोजन करते हैं, तो यह अशुभ माना जाता है। इस तरह के परंपराओं में प्राकृतिक ऊर्जा और आस्था का विज्ञान छुपा होता है, जो मानसिक और रक्तचाप से जुड़ी सहज सावधानी को दर्शाता है।

निष्कर्ष

नाग पंचमी के दिन तवा रोटी न बनाने की परंपरा एक धार्मिक श्रद्धा है जो राहु से जुड़ी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है। यह परंपरा नाग देवता के सम्मान, परिवार की खुशहाली और मानसिक शांति बनाए रखने का प्रतीक है। इसलिए इस दिन तवे का उपयोग टालकर, शुद्ध और सरल भोजन बनाकर पूजा-परंपराओं का पालन किया जाता है।

यदि आप इस नाग पंचमी पर तवा रोटी न बनाकर इस ऋषि-मुनि और ज्योतिषीय परंपरा का सम्मान करना चाहते हैं, तो यह न सिर्फ आपकी आस्था का सम्मान होगा, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहेगी।

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25 Indian OTT Platforms & Apps Banned in 2025: Full List, Reasons, and Official Government Action

25 OTT Platforms and Apps Banned by Indian Government in 2025: Complete Details

In a significant move to regulate online content and curb obscenity, the Indian government, through the Ministry of Information and Broadcasting (MIB), imposed a nationwide ban on 25 OTT platforms and mobile apps on July 23, 2025. This decisive step was taken in response to numerous complaints and growing concerns about explicit and objectionable content being streamed on these platforms.

Why Were These OTT Platforms and Apps Banned?

The government cited that several of these OTT platforms and their mobile apps were streaming content that included nudity, explicit scenes, indecent representation of women, and, in some cases, pornographic elements. These platforms lacked a credible storyline or social context in the majority of their offerings and were found to be in violation of Indian law and cultural standards. Concerns were especially raised regarding the negative impact on children, women, and the general public.

Full List of Banned OTT Platforms and Apps (2025)

The following 25 OTT platforms and their associated mobile applications were banned in India:

  1. ULLU
  2. ALTT (formerly ALTBalaji)
  3. Desiflix
  4. Big Shots App
  5. Boomex
  6. NeonX VIP
  7. Navarasa Lite
  8. Gulab App
  9. Kangan App
  10. Bull App
  11. Jalva App
  12. Wow Entertainment
  13. Look Entertainment
  14. Hitprime
  15. Feneo
  16. ShowX
  17. Sol Talkies
  18. Adda TV
  19. HotX VIP
  20. Hulchul App
  21. MoodX
  22. Fugi
  23. Mojflix
  24. Triflicks
  25. ShowHit

These platforms were found to be repeatedly violating content laws by publishing offensive material and were already under the scanner due to several complaints from users and social organizations.

Legal Provisions Invoked for the Ban

The Indian government initiated the ban under the authority of several legal frameworks, including:

  • Information Technology Act, 2000 (Sections 67 and 67A): Addresses the prohibition of publishing or transmitting obscene material in electronic form.
  • Indecent Representation of Women (Prohibition) Act, 1986: Prohibits the indecent representation of women through any means.
  • Indian Penal Code (IPC): Addresses various offences related to obscenity.
  • IT Rules, 2021: The Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code, which set out rules for digital media platforms operating in India.

Government's Rationale for the Ban

According to official statements from the Ministry of Information and Broadcasting, the primary reasons for the ban included:

  • Content featured little to no social context or meaningful storyline and focused majorly on obscenity, nudity, and the indecent portrayal of women.
  • Societal impact, especially potential harmful influences on youth and children.
  • Upholding Indian cultural and ethical standards in the digital space.

The government emphasized the need for digital platforms to act responsibly and ensure content compliance with Indian laws and values, while fostering a healthy online environment for all sections of society.

Impact and Reactions

This sweeping ban is being seen as a strict enforcement of content regulation in the Indian digital ecosystem. While some argue it’s a necessary step to protect societal values and minors, others debate about freedom of expression and the need for balanced content moderation.

Nevertheless, this move underscores the Indian government’s seriousness in monitoring and controlling unlawful digital content and sets a precedent for the future of OTT and app-based entertainment in India.

Conclusion

The 2025 ban of 25 OTT platforms and apps by the Indian government marks an important milestone in the regulation of digital content. By enforcing strict action against platforms violating the law and ethical codes, India reiterates its stance on safeguarding culture, protecting vulnerable sections, and ensuring a responsible digital space.

S24-Ultra-price-drop-2025

Samsung S24 Ultra Price Drop Alert: Massive Savings on Amazon India in 2025!

For smartphone enthusiasts in NCR, delhi, and across India, here's some electrifying news! The highly acclaimed Samsung Galaxy S24 Ultra, a true titan in the world of premium mobile technology, has witnessed a significant price reduction on Amazon India in 2025. If you've been dreaming of owning this feature-packed flagship, now might be the perfect time to turn that dream into reality without emptying your wallet.

Unbelievable Discount on the Premium Samsung Galaxy S24 Ultra

Initially hitting the market at a hefty ₹1,34,999, the Samsung Galaxy S24 Ultra is now listed on Amazon India for an enticing ₹99,899. This translates to a substantial discount of ₹35,100! This remarkable price cut makes one of the year's most coveted smartphones significantly more accessible to a wider range of buyers right here in India.

Why is the Samsung S24 Ultra Price Lower Now in 2025?

While Samsung hasn't officially announced the reason behind this price adjustment, the trend in the smartphone industry often points towards the arrival of newer models. With the anticipated launch of the Galaxy S25 Ultra on the horizon, this price reduction on the S24 Ultra is a common strategy to clear inventory and make the previous flagship more appealing to budget-conscious consumers. Rest assured, even with a newer model on the way, the Samsung S24 Ultra remains a powerhouse of innovation and performance, boasting features that are still top-of-the-line in 2025.

Why This Price Drop Makes the S24 Ultra a Smart Buy in 2025

This price correction offers a fantastic opportunity to acquire a premium smartphone without the initial premium investment. Here's why capitalizing on this deal is a wise move:

  • Flagship Features at a Mid-Range Price Point (Almost!): You get to experience the cutting-edge technology and premium build quality of the S24 Ultra at a significantly reduced cost.
  • Future-Proof Performance: Equipped with the powerful Snapdragon 8 Gen 3 Mobile Platform for Galaxy and backed by Samsung's promise of seven years of software updates, this phone is built to last and stay relevant for years to come.
  • Photography Prowess: Capture breathtaking photos and videos with its versatile quad-camera system, featuring a stunning 200MP primary sensor and incredible zoom capabilities, perfect for capturing the vibrant culture and landscapes around Rajkot and beyond.
  • Immersive Visual Experience: The 6.8-inch Dynamic AMOLED 2X display offers vibrant colors, incredible brightness, and a smooth adaptive refresh rate, making everything from Browse the web to watching movies a visual treat.
  • Intelligent Galaxy AI Integration: Explore the innovative Galaxy AI features like Live Translate for seamless communication and Circle to Search for intuitive information retrieval.
  • All-Day Battery Life: The robust 5,000mAh battery ensures you can stay connected and productive throughout your day without constantly worrying about running out of power.

Unlock Even Greater Savings with the Amazon Exchange Offer!

The deal gets even sweeter! Amazon India is also offering an exchange bonus of up to ₹47,500 on your old smartphone. If you manage to maximize this exchange value, the effective price of the Samsung Galaxy S24 Ultra could plummet to an astonishing ₹52,399. This makes it an unparalleled opportunity to own a flagship device at a fraction of its original cost.

How to Grab This Amazing Samsung S24 Ultra Deal on Amazon India

Ready to seize this incredible offer? Here's a simple guide:

  1. Visit the official Amazon India website or open the Amazon mobile app.
  2. In the search bar, type "Samsung Galaxy S24 Ultra".
  3. Locate the listing with the discounted price of ₹99,899 for the 12GB RAM + 256GB storage variant.
  4. Carefully review the available exchange offers to see how much additional discount you can get by trading in your current smartphone.
  5. Add the Samsung Galaxy S24 Ultra to your shopping cart and proceed to checkout.

Conclusion: Your Chance to Own a Flagship Phone at a Steal Price

This significant price drop on the Samsung Galaxy S24 Ultra on Amazon India in 2025 presents an exceptional opportunity for anyone in Rajkot, Gujarat, or across the country looking to upgrade to a premium smartphone. With its powerful performance, exceptional camera capabilities, stunning display, and innovative AI features, the S24 Ultra continues to be a top contender in the flagship category. Don't miss out on this chance to own a piece of cutting-edge technology at a remarkably reduced price. Head over to Amazon India today and grab this deal before it disappears!

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