जगदीप धनखड़ ने अचानक क्यों दिया इस्तीफा? जानिए सरकारी दबाव और घटनाक्रम की पूरी कहानी

जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया? कैसे और क्यों?

1. त्यागपत्र की प्रक्रिया

21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति बंद अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को लिखित में इस्तीफा भेजा, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को मुख्य वजह बताया और डॉक्टरों की सलाह का हवाला दिया।

इसके बाद राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया और वह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया। यह इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत होता है, जिसमें उपराष्ट्रपति अपने पद से स्वतंत्र रूप से इस्तीफा दे सकते हैं।

2. इस्तीफे के पीछे के स्वास्थ्य कारण

धनखड़ ने बताया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार उन्होंने इस्तीफा दिया। मार्च और जून 2025 में उनकी सेहत खराब होने की खबरें भी आई थीं। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों के अलावा इस निर्णय के पीछे राजनीतिक दबाव की अफवाहें भी थीं।

3. राजनीतिक दबाव और घटनाक्रम

राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार और धनखड़ के बीच मतभेद बढ़ रहे थे। विशेष रूप से, धनखड़ ने विपक्ष के एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव का जिक्र किया था, जो सरकार को नागवार गुजरा। इस असहमति के कारण कथित तौर पर उन्हें इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया।

सरकार ने उन्हें बताया कि यदि वे इस्तीफा नहीं देंगे, तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। इसके बाद धनखड़ ने इस्तीफा देना ही बेहतर समझा।

4. इस्तीफे का दिन, घटनाक्रम की टाइमलाइन

  • 21 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन ही यह बदलाव हुआ।
  • धनखड़ ने कई बैठकें कीं लेकिन राजनीतिक स्थिति तनावपूर्ण थी।
  • शाम 7:30 बजे उन्हें बड़े मंत्री द्वारा फोन कर इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया।
  • करीब 9:25 बजे उन्होंने आधिकारिक तौर पर इस्तीफा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
  • राष्ट्रपति के समक्ष इस्तीफा जमा कराया गया और स्वीकार कर लिया गया।

5. इस्तीफे के बाद की स्थिति

धनखड़ का इस्तीफा भारत के इतिहास में उपराष्ट्रपति पद पर नियुक्ति के दौरान एक असामान्य कदम था। उपराष्ट्रपति पद वैसे भी संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण होता है और उनकी समय से पहले इस्तीफा देने से राजनीति में हलचल मची।

फिलहाल उपसभापति हरिवंश राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, और जल्द ही नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

निष्कर्ष

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारण बताकर आया, लेकिन इसके पीछे राजनीतिक दबाव और केंद्र सरकार के साथ असहमति का भी बड़ा रोल था। यह इस्तीफा भारतीय राजनीति में संवैधानिक पदों के महत्व और राजनीतिक समीकरणों की जटिलता को दर्शाता है।

13 साल बाद निर्देशन की कुर्सी पर लौटे मानव कौल

13 साल बाद निर्देशन की कुर्सी पर लौटे मानव कौल: अपनी किताब से पर्दे पर उड़ाएंगे हिमालयी जादू!

मानव कौल की निर्देशन में 13 साल बाद वापसी: अपनी किताब 'साक्षात्कार' के साथ नया सफर

अभिनेता, लेखक और नाट्य निर्देशक मानव कौल 13 साल के लंबे अंतराल के बाद फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में वापसी करने जा रहे हैं। उनके निर्देशन के इस नए प्रोजेक्ट का आधार उनकी 2024 में प्रकाशित पुस्तक 'साक्षात्कार' है, जिसे अब उन्होंने स्क्रीनप्ले में परिवर्तित कर हिमालय की खूबसूरत वादियों में फिल्माए जाने की तैयारी शुरू कर दी है।

13 साल बाद निर्देशक बने मानव कौल: कहानी और शूटिंग

मानव कौल की यह फिल्म उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल की कुछ अनछुई लोकेशनों पर शूट की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह फिल्म एक मनोरंजक ज़ोन में है, जिसमें हास्य और एक दिलचस्प कहानी दोनों का समावेश है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता व्यावसायिकता से अधिक अच्छी फिल्म बनाने की है, जिससे दर्शकों का दिल जीत सकें।

फिल्म में मानव कौल स्वयं भी मुख्य भूमिका निभाएंगे, साथ ही कुमुद मिश्रा, मानसि भवळकर और कुछ रंगमंच कलाकार भी इसके हिस्से होंगे। शूटिंग नवंबर 2025 में शुरू होगी।

मानव कौल का मकसद और उनकी फिल्म की विशिष्टता

मानव कहते हैं कि वे चाहते हैं कि यह फिल्म दर्शकों को एक नया अनुभव दे, जो पारंपरिक और व्यावसायिक फिल्मों से अलग और अधिक व्यक्तिगत हो। उनका मानना है कि यदि स्क्रिप्ट मजबूत होगी तो फिल्म अपने दर्शक स्वयं बनाएगी। वे अपने थिएटर के अनुभव और अपने पाठकों के बेस को ध्यान में रखते हुए ऐसा फिल्म निर्माण करना चाहते हैं, जिससे दर्शक आनंद लें।

यह वापसी मानव कौल के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है, जहां वे निर्देशन के साथ-साथ अभिनय में भी संतुलन बनाए रखेंगे।

हिमालय की पृष्ठभूमि और स्थानीय संस्कृति का संलयन

फिल्म का परिवेश हिमालय है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विशेष सांस्कृतिक विरासत के कारण भारतीय सिनेमा में एक अनोखा मंच प्रदान करता है। मानव ने इस क्षेत्र के सुदूर और कम छुए हुए इलाकों को चुना है, जिससे फिल्म में वास्तविकता और ताजगी बनी रहे।

मानव कौल की जीवनी और उपलब्धियां

मानव कौल, जिनका जन्म 19 दिसंबर 1976 को हुआ था, न केवल एक प्रशंसित अभिनेता और नाटककार हैं, बल्कि लेखक और निर्देशकों में भी गिने जाते हैं। उन्हें "तुम्हारी सुलु" और "साइना" जैसी फिल्मों के लिए विशेष पहचान मिली है। वे थिएटर से शुरू होकर फिल्म और वेब सीरीज में अपनी छाप छोड़ चुके हैं।

निष्कर्ष: एक सशक्त निर्देशन के लिए नया अध्याय

मनव कौल की यह वापसी बताती है कि भारतीय सिनेमा में कथानक-प्रधान और सांस्कृतिक रूप से मजबूत फिल्मों की भूख बनी हुई है। 13 साल बाद निर्देशन में लौटते हुए, वे अपनी किताब की कहानी के माध्यम से दर्शकों के दिलों को छूने का प्रयास करेंगे। उनके इस कदम से हिंदी सिनेमा में नए अंदाज और विषद कथाओं का क्रमशः समावेश होगा।

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