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7वें वेतन आयोग में इस जुलाई आपकी सैलरी में कितनी होगी बढ़ोतरी? जानिए हर डिटेल!

7वें वेतन आयोग के तहत सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी, इस पर जानकारी इस समय प्रमुख रूप से महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ोतरी के संदर्भ में मिल रही है। केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 से महंगाई भत्ते (Dearness Allowance - DA) को मूल वेतन के 53% से बढ़ाकर 55% कर दिया था, और अब जुलाई 2025 से इसमे और 3% तक की बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे DA 58% तक पहुंच सकता है

7वें वेतन आयोग में सैलरी वृद्धि का ताजा हाल

  • 7वां वेतन आयोग जनवरी 2016 से लागू हुआ था और दिसंबर 2025 में इसका कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
  • केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) जुलाई 2025 से बढ़ाया जाएगा, जो जुलाई से लागू होकर अक्टूबर 2025 तक खातों में जमा हो जाएगा।
  • पिछली बार मार्च 2025 में DA 2% बढ़ा था, जनवरी 2025 से DA 55% था, अब उसमें बढ़ोतरी लगभग 3% की होगी, यानी DA करीब 58% तक पहुंच सकता है।
  • इस DA वृद्धि का सीधा असर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में होगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन ₹25,000 है तो DA 55% पर ₹13,750 होता है, 58% पर यह लगभग ₹14,500 हो जाएगा, जिससे करीब ₹750 की बढ़ोतरी होगी।
  • यह जुलाई 2025 की अंतिम DA वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त होगा और उसके बाद 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होंगी।

कुल वेतन वृद्धि और अन्य बातें

  • 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर मूल वेतन वृद्धि का कोई नया बड़ा बदलाव अब नहीं होने की संभावना है, केवल DA के बदलाव से ही सैलरी में इजाफा होगा।
  • 8वें वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू होने वाला है, जिसमें बेसिक सैलरी और अन्य भत्तों में नए बदलाव हो सकते हैं। जहां तक अब तक की जानकारी है, न्यूनतम बेसिक सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी के बजाय मामूली सुधार की उम्मीद है।
  • महंगाई भत्ता गणना खुदरा महंगाई (CPI-IW) के आधार पर छह महीने में एक बार किया जाता है, जो केंद्र सरकार की आधिकारिक प्रक्रिया है। मार्च से मई 2025 तक CPI-IW में सुधार हुआ है, जिससे DA में वृद्धि के संकेत मिले हैं।

सारांश (Summary)

घटकवर्तमान प्रतिशत (जनवरी 2025)संभावित बढ़ोतरी (जुलाई 2025)नए प्रतिशतअसर (उदाहरण ₹25,000 बेसिक वेतन)
महंगाई भत्ता (DA)55%लगभग 3%58% तक₹13,750 से बढ़कर ₹14,500 के करीब
  • 7वें वेतन आयोग के तहत यह जुलाई 2025 की DA वृद्धि अंतिम मानी जाती है।
  • बेसिक सैलरी में अभी तक कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ है, नए सिरे से 8वें वेतन आयोग के आने के बाद ही बदलाव की उम्मीद है।
  • इस वृद्धि से लगभग 33 लाख केंद्रीय कर्मचारी एवं 66 लाख पेंशनर्स को लाभ मिलेगा।
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दिशा पटानी की बहन खुशबू ने फूटा कथावाचक पर गुस्सा, लाइव-इन रिलेशनशिप पर दिए सेक्सिस्ट बयान की कड़ी निंदा

दिशा पटानी की बहन खुशबू का कथावाचक पर फूटा गुस्सा: महिलाओं पर दिया विवादित बयान

हाल ही में आध्यात्मिक गुरु और कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज द्वारा महिलाओं और खासकर लाइव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली लड़कियों को लेकर एक अपमानजनक और सेक्सिस्ट बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस बयान में उन्होंने कहा कि 25 साल की लड़कियां "4-5 जगह मुंह मारती हैं"  एक ऐसी टिप्पणी जो समाज में महिलाओं के प्रति गहरी लैंगिक असम्मान और पूर्वाग्रह को दर्शाती है।

इस विवादित बयान के तुरंत बाद दिशा पटानी की बहन और पूर्व भारतीय सेना अधिकारी खुशबू पटानी ने इस बयान की तीखी निंदा करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने गुस्से को खुलकर व्यक्त किया।

खुशबू पटानी की तीखी प्रतिक्रिया

खुशबू पटानी ने कहा कि यदि यह टिप्पणी उनके सामने होती, तो वे कथावाचक को तुरंत समझातीं कि "मुंह मारना क्या होता है"। उन्होंने इस बयान को लैंगिक पक्षपात और समाज की पुरानी सोच करार दिया। उन्होंने अनिरुद्धाचार्य और उनके समर्थकों को “ना-मर्द” और “अंति-राष्ट्रवादी” तक कहा और उन लोगों की आलोचना की जो ऐसे अपमानजनक विचारों का समर्थन करते हैं।

खुशबू के लिए यह सिर्फ एक टिप्पणी नहीं थी, बल्कि महिलाओं के खिलाफ एक खतरनाक मानसिकता का प्रदर्शन था जिसे समाज में बदला जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि लाइव-इन रिलेशनशिप में दो लोग होते हैं, फिर भी केवल महिलाओं को ही निशाना बनाना साफ लिंगभेद है।

दुहाई और पक्षपात पर सवाल

उन्होंने सवाल उठाया कि महिलाओं को ही क्यों टारगेट किया जा रहा है, जबकि पुरुष भी समान रूप से इन रिश्तों का हिस्सा होते हैं। इस संपूर्ण घटना को उन्होंने लड़कियों पर "मोरल पुलिसिंग" और पुरानी सोच का हिस्सा बताया, जो महिलाओं की स्वतंत्रता और सम्मान के खिलाफ है।

खुशबू पटानी ने कहा कि ऐसे वक्तव्यों से ना केवल महिलाओं का अपमान होता है, बल्कि समाज के नैतिक विकास और लैंगिक समानता की राह में बाधा आती है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों से अपील की कि वे ऐसे कथावाचकों और विचारधाराओं का समर्थन करना बंद करें, जो महिलाओं को तोहमत लगाते हैं और समाज को बांटते हैं।

खुशबू पटानी कौन हैं?

खुशबू पटानी एक पूर्व भारतीय सेना मेजर हैं और दिशा पटानी की बड़ी बहन। उन्होंने लगभग 11 वर्षों तक सेना सेवा की है और अपनी कड़ी मेहनत और सम्मानजनक सेवा के लिए जानी जाती हैं। सेना से सेवानिवृत्ति के बाद वे फिटनेस ट्रेनर, न्यूट्रीशनिस्ट और ध्यान शिक्षिका के तौर पर भी सक्रिय हैं। उनका सशक्त और निर्भीक व्यक्तित्व उन्हें सोशल मीडिया पर एक सम्मानित और प्रभावशाली आवाज बनाता है।

सामाजिक प्रतिक्रिया और समर्थन

खुशबू पटानी की इस प्रतिक्रिया को सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों पर भारी समर्थन मिला। झूठे और पक्षपाती बयानों के खिलाफ उनकी स्पष्टता और साहस को लोगों ने सराहा। साथ ही, यह घटना महिलाओं की स्वतंत्रता और समाज में लैंगिक समानता के मुद्दे पर एक नई बहस को जन्म देती दिखाई दे रही है।

निष्कर्ष

दिशा पटानी की बहन खुशबू पटानी ने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के महिलाओं और लाइव-इन रिलेशनशिप को लेकर विवादित, अपमानजनक और सेक्सिस्ट बयान के खिलाफ निर्भीक आवाज़ उठाई। उन्होंने इस असंतुलित और लिंग भेदपूर्ण मानसिकता को कठोर शब्दों में नकारते हुए महिलाओं के सम्मान और समानता की महत्ता पर जोर दिया। यह प्रतिक्रिया न केवल बॉलीवुड परिवार की मजबूत छवि पेश करती है, बल्कि सामाजिक सुधार और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरक कदम भी साबित होती है।

आज का राशिफल 30 जुलाई 2025 (बुधवार)

निम्नलिखित हिंदी में आज 30 जुलाई 2025 का दैनिक राशिफल है, जिसमें प्रमुख 12 राशियों के लिए आज का योग, शुभ-अशुभ बातें, सुझाव और दिनभर की संभावित स्थिति शामिल हैं। यह लेख आपको दिनभर के लिए दिशा-निर्देश और भविष्य की झलक देने में सहायता करेगा।

आज का राशिफल 30 जुलाई 2025 (बुधवार)

दिन का कुल योग: श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि, बुधवार का दिन। आज हस्त और चित्रा नक्षत्र के साथ महालक्ष्मी राजयोग का निर्माण हो रहा है। चंद्रमा कन्या राशि में मंगल के साथ युति में है, जिससे कई राशियों को शुभ फल मिलने के आसार हैं।

मेष राशि (Aries)

आज का दिन मिलाजुला रहेगा। नौकरी में नई जिम्मेदारी मिल सकती है, जिससे तनाव भी हो सकता है। अचानक खर्च होने की संभावना है। परिवार के साथ तालमेल बनाकर रखें। सेहत पर ध्यान दें, संक्रमण और पेट की समस्या हो सकती है। उपाय के तौर पर गाय को हरा चारा खिलाएं और गणेश चालीसा का पाठ करें।

वृषभ राशि (Taurus)

त्याग का भाव रहेगा, लेकिन मन में कड़वाहट नहीं होगी। पुराना रिश्ता मजबूत हो सकता है। धन लाभ के नए स्रोत खुलेंगे। सफेद वस्त्र पहनें और लक्ष्मी चालीसा पढ़ें।

मिथुन राशि (Gemini)

आज जल्दीबाजी और अधीरता से बचें। बुद्धि का सही उपयोग करें। शेयर या सट्टे में सावधानी बरतें। 108 बार ॐ नमः शिवाय का जाप लाभदायक होगा।

कर्क राशि (Cancer)

दिल और दिमाग की जंग में दिल जीत सकता है। भावनात्मक निर्णय सही रहेंगे। आर्थिक सहायता मिलने के योग हैं। जल में कच्चा दूध डालकर अर्घ्य देना शुभ रहेगा।

सिंह राशि (Leo)

कार्य में सफलता के लिए प्रयास करें, लेकिन संयम रखें। पाप ग्रह केतु के प्रभाव से सावधानी जरूरी है। व्यवहार में सुधार लाएं। आज का दिन भाग्यशाली नहीं है, अतः महत्वपूर्ण निर्णय टालें।

कन्या राशि (Virgo)

व्यापार में उन्नति होगी, परीक्षा में सफलता के योग हैं। परिवार में सुख-समृद्धि का वातावरण रहेगा। नए सदस्यों का आगमन हो सकता है। धैर्य और लगन से कार्यों को करें।

तुला राशि (Libra)

शुभ अवसर मिलेंगे, संबंधों में सुधार होगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यात्रा के योग हैं। सामाजिक कार्यों में भागीदारी रहेगा।

वृश्चिक राशि (Scorpio)

आर्थिक लाभ की संभावना है। परिवार के सदस्यों से सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। किसी नई शुरुआत के लिए अनुकूल समय।

धनु राशि (Sagittarius)

परिश्रम करने से स्थिति बेहतर होगी। अचानक लाभ होगा। व्यवसाय में चौकस नजर रखें। परिवारिक जीवन सुखमय रहेगा।

मकर राशि (Capricorn)

नौकरी में सराहना मिलेगी। राजनीति या सामाजिक क्षेत्र में सफलता के अवसर। अदालत में लाभ संभव। यात्रा की संभावना।

कुंभ राशि (Aquarius)

पहली नौकरी के लिए प्रयासरत छात्र सफल होंगे। आर्थिक फैसलों में सावधानी बरतें। रोमांटिक संबंधों को मजबूत करें। स्वास्थ्य ठीक रहेगा।

मीन राशि (Pisces)

ध्यान और संयम से कार्य करें। तनाव कम होगा। पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। आर्थिक स्थिति स्थिर रहेगी।

आज का विशेष उपाय

आज गणेश जी को समर्पित रहें और श्रीकृष्ण के चमत्कारी मंत्र का जाप करें। दक्षिणावर्ती शंख घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ेगी। लाल रंग से बचें, सफेद या नीला पहनना शुभ रहेगा।

निष्कर्ष

30 जुलाई 2025 का दिन कई राशियों के लिए अवसर और सावधानी दोनों लेकर आया है। अपनी राशि के अनुसार दिनचर्या और कार्यों में विवेकपूर्वक निर्णय लें। ग्रहों की स्थिति अनुकूल है, इसलिए आज अपने लक्ष्यों की ओर सावधानी से बढ़ें।

जानिए आज के सोने के भाव: 30 जुलाई 2025 को सोना हुआ महंगा या सस्ता?

आज का सोना भाव - 30 जुलाई 2025: भारत में सोने की कीमतों की पूरी जानकारी

आज 30 जुलाई 2025 को भारत में 24 कैरेट सोने का भाव ₹98,266 प्रति 10 ग्राम है, जो पिछले दिन से ₹710 (0.72%) की बढ़ोतरी को दर्शाता है। वहीं 22 कैरेट सोने का भाव ₹90,077 प्रति 10 ग्राम रिकॉर्ड किया गया है, जो पिछले मूल्य से थोड़ा उछाल दिखा रहा है।

प्रमुख विवरण:

माप24 कैरेट (₹)22 कैरेट (₹)
1 ग्राम₹9,827₹9,008
2 ग्राम₹19,653₹18,015
5 ग्राम₹49,133₹45,039
8 ग्राम₹78,613₹72,062
10 ग्राम₹98,266₹90,077
100 ग्राम₹9,82,660₹9,00,772

आज के सोने के दाम में उतार-चढ़ाव

  • आज सोना भाव लगभग स्थिर रहा, पर 24 कैरेट सोने में मामूली बढ़ोतरी देखी गई है।
  • पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतों में हल्की गति अपरिहार्य रही है।
  • बाजार में सोने की मांग ऑस्ट्रलिया और चीन से अपेक्षाकृत स्थिर बनी हुई है।

प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें (₹/10 ग्राम)

शहर24 कैरेट22 कैरेट
मुंबई₹94,504₹90,004
दिल्ली₹94,714₹90,204
बेंगलुरु₹94,874₹90,354
कोलकाता₹95,554₹91,004
हैदराबाद₹93,664₹89,204
पुणे₹94,504₹90,004

सोने की कीमत को प्रभावित करने वाले कारक

  • वैश्विक सोने की कीमत: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने के भाव में उतार-चढ़ाव भारत की कीमतों पर तुरंत असर डालता है।
  • डॉलर की विनिमय दर: अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपए की मजबूती या कमजोरी सोने की कीमतों को प्रभावित करती है।
  • सरकारी कर और शुल्क: भारत में सोने पर अक्टूबर 2025 वित्त बजट के बाद कुछ राज्यों में टैक्स बदलाव की बात चल रही है, जो कीमतों का एक कारक हो सकती है।
  • मांग और आपूर्ति: त्योहारों और शादी के सीजन में मांग बढ़ने से कीमतें बढ़ सकती हैं।

पिछले 10 दिनों का सोना भाव ट्रेंड (24 कैरेट / 10 ग्राम)

तारीखकीमत (₹)
21 जुलाई 2025₹99,388
22 जुलाई 2025₹100,248
23 जुलाई 2025₹100,014
24 जुलाई 2025₹98,846
25 जुलाई 2025₹97,922
26 जुलाई 2025₹97,806
27 जुलाई 2025₹97,806
28 जुलाई 2025₹97,556
29 जुलाई 2025₹98,174
30 जुलाई 2025₹98,266

निष्कर्ष

30 जुलाई 2025 को भारत में सोने की कीमतों में हल्की तेजी देखी गई है, जो इस पीले धातु की निवेश और मांग में बरकरार रुचि को दर्शाती है। यदि आप सोना खरीदने या बेचने का विचार कर रहे हैं, तो आज के रेट आपके निर्णय के लिए मुख्य आधार हो सकते हैं। समय-समय पर वैश्विक बाजार और स्थानीय एक्साइज ड्यूटी में बदलावों पर नजर रखना फायदेमंद रहेगा।

PM-Kisan Yojana-6000-rupye-kaise-nikale

जानिए कैसे पीएम किसान योजना से छोटे किसानों को मिलती है सालाना ₹6,000 की सीधी मदद!

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan Yojana) के तहत किसानों को सालाना ₹6,000 की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में तीन किस्तों में दी जाती है। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा छोटे और सीमांत किसानों की वित्तीय स्थिति सुधारने और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के उद्देश्य से 1 फरवरी 2019 को शुरू की गई थी.

पीएम-किसान योजना से किसानों को सालाना ₹6,000 की मदद कैसे मिलती है?

पात्रता: योजना का लाभ उन किसान परिवारों को मिलता है जिनके पास खेती योग्य भूमि है, और वे छोटे या सीमांत किसान हैं। योजना के तहत पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे एक परिवार के रूप में गिने जाते हैं। किसानों को अपने नाम से कृषि योग्य भूमि का प्रमाण देना होता है।

आर्थिक सहायता: पात्र किसानों को हर साल कुल ₹6,000 की मदद मिलती है, जो तीन समान किश्तों में आती है। प्रत्येक किस्त ₹2,000 की होती है, जो लगभग हर 4 महीने पर सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।

भुगतान का तरीका (DBT): योजना के तहत वितरण डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से होता है, जिससे पैसे सीधे बैंक खाते में भेजे जाते हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शिता, दक्षता और शीघ्रता सुनिश्चित करती है, तथा कहीं पर भी भ्रष्टाचार की संभावना को कम करती है।

आवेदन प्रक्रिया: किसान स्थानीय पटवारी, राजस्व अधिकारियों, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से या आधिकारिक पीएम-किसान पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन में भूमि का प्रमाण, आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण इत्यादि आवश्यक होते हैं।

  • पहली किस्त: ₹2,000 (अप्रैल–जुलाई)
  • दूसरी किस्त: ₹2,000 (अगस्त–नवंबर)
  • तीसरी किस्त: ₹2,000 (दिसंबर–मार्च)
यह पूरी प्रक्रिया DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से होती है, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाती है और पैसा सीधे किसान के खाते में पहुँचता है।

पैसे का उपयोग: किसानों को सहायता राशि के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है। वे इसे बीज, खाद, कीटनाशक, खेती के अन्य जरूरी खर्च, या निजी जरूरतों के लिए उपयोग कर सकते हैं। इसका उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करना और उन्हें साहूकारों के जंजाल से बचाना है।

लाभार्थी पहचान और सत्यापन: राज्य सरकारें और केंद्रशासित प्रदेश पात्र किसानों की पहचान करती हैं और लाभार्थियों की सूची अपडेट करती हैं। गलत डेटा पर योजना का लाभ नहीं मिलता और फर्जी लाभ प्राप्त करने पर कार्यवाही होती है।

पीएम-किसान योजना के फायदे और महत्व

  • किसानों की आय में स्थिरता लाना और आर्थिक मदद प्रदान करना।
  • कृषि से जुड़ी खर्चों में सहायता देना ताकि किसान बेहतर कृषि कर सकें।
  • साहूकारों से सस्ते ब्याज पर लोन उपलब्ध कराना।
  • पूरी देश में लगभग करोड़ों किसानों को सीधी नकदी सहायता।
 

PM-KISAN की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर:

https://pmkisan.gov.inवहाँ आधार कार्ड, जमीन के दस्तावेज़ और बैंक खाते की जानकारी देकर फॉर्म भरना होता है।

कैसे चेक करें पैसा आया या नहीं?

किसान अपने PM-KISAN खाते की स्थिति इस वेबसाइट से देख सकते हैं:https://pmkisan.gov.in/homenew.aspx 

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक प्रभावी वित्तीय सहायता योजना है जो भारत के छोटे और सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष ₹6,000 की राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर करती है। यह योजना किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण पहल है।

जगदीप धनखड़ ने अचानक क्यों दिया इस्तीफा? जानिए सरकारी दबाव और घटनाक्रम की पूरी कहानी

जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया? कैसे और क्यों?

1. त्यागपत्र की प्रक्रिया

21 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति बंद अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को लिखित में इस्तीफा भेजा, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को मुख्य वजह बताया और डॉक्टरों की सलाह का हवाला दिया।

इसके बाद राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया और वह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया। यह इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत होता है, जिसमें उपराष्ट्रपति अपने पद से स्वतंत्र रूप से इस्तीफा दे सकते हैं।

2. इस्तीफे के पीछे के स्वास्थ्य कारण

धनखड़ ने बताया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं थी और चिकित्सकीय सलाह के अनुसार उन्होंने इस्तीफा दिया। मार्च और जून 2025 में उनकी सेहत खराब होने की खबरें भी आई थीं। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों के अलावा इस निर्णय के पीछे राजनीतिक दबाव की अफवाहें भी थीं।

3. राजनीतिक दबाव और घटनाक्रम

राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार और धनखड़ के बीच मतभेद बढ़ रहे थे। विशेष रूप से, धनखड़ ने विपक्ष के एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव का जिक्र किया था, जो सरकार को नागवार गुजरा। इस असहमति के कारण कथित तौर पर उन्हें इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया।

सरकार ने उन्हें बताया कि यदि वे इस्तीफा नहीं देंगे, तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। इसके बाद धनखड़ ने इस्तीफा देना ही बेहतर समझा।

4. इस्तीफे का दिन, घटनाक्रम की टाइमलाइन

  • 21 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन ही यह बदलाव हुआ।
  • धनखड़ ने कई बैठकें कीं लेकिन राजनीतिक स्थिति तनावपूर्ण थी।
  • शाम 7:30 बजे उन्हें बड़े मंत्री द्वारा फोन कर इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया।
  • करीब 9:25 बजे उन्होंने आधिकारिक तौर पर इस्तीफा सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
  • राष्ट्रपति के समक्ष इस्तीफा जमा कराया गया और स्वीकार कर लिया गया।

5. इस्तीफे के बाद की स्थिति

धनखड़ का इस्तीफा भारत के इतिहास में उपराष्ट्रपति पद पर नियुक्ति के दौरान एक असामान्य कदम था। उपराष्ट्रपति पद वैसे भी संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण होता है और उनकी समय से पहले इस्तीफा देने से राजनीति में हलचल मची।

फिलहाल उपसभापति हरिवंश राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, और जल्द ही नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

निष्कर्ष

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारण बताकर आया, लेकिन इसके पीछे राजनीतिक दबाव और केंद्र सरकार के साथ असहमति का भी बड़ा रोल था। यह इस्तीफा भारतीय राजनीति में संवैधानिक पदों के महत्व और राजनीतिक समीकरणों की जटिलता को दर्शाता है।

Elli-AvrRam-ने-क्यों-कहा-अलविदा-बॉलीवुड-स्टाइल-बर्थडे-पार्टी-को

जब Elli AvrRam ने बदल दी बॉलीवुड बर्थडे पार्टी की परिभाषा.. सच जानकर रह जाएंगे हैरान!

Elli AvrRam ने क्यों कहा अलविदा बॉलीवुड-स्टाइल बर्थडे पार्टी को?

परिचय: चमक-दमक से हटकर दिल जीतने वाला फैसला

बॉलीवुड में सेलिब्रिटीज़ के जन्मदिन धूमधाम और ग्लैमर के लिए मशहूर होते हैं। पर Elli AvrRam ने इस बार कुछ अलग करने की ठानी है उन्होंने बड़े और भव्य बर्थडे समारोह को छोड़कर सादगी, अपनापन और निजी खुशियों को चुना है।

समस्या: क्या बड़ी पार्टियों में रह गया है अपनापन कम?

बड़े बॉलीवुड पार्टियों में अक्सर व्यक्तित्व और संबंधों की कमी महसूस होती है। जहां कैमरे, मीडिया, और सेलेब गेस्टलिस्ट की भरमार रहती है, वहीं असली जश्न और निजी जुड़ाव शायद खो जाता है।

Elli AvrRam का समाधान: परिवार और दोस्तों के बीच खास पल

Elli ने खुलकर बताया कि वह इस बार अपने जन्मदिन पर सिर्फ करीबी दोस्तों और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहती हैं। उनकी प्राथमिकता अब चकाचौंध नहीं, बल्कि दिल से जुड़े रिश्ते और यादगार पल हैं। Elli का मानना है कि यही असली खुशी का कारण है।

उदाहरण: बॉलीवुड में बदलता है जन्मदिन सेलिब्रेशन का ट्रेंड

सिर्फ Elli ही नहीं, पिछले कुछ समय में कई सेलेब्रिटीज़ भी भव्य पार्टियों को छोड़ निजी और मीनिंगफुल सेलिब्रेशन को तवज्जो दे रहे हैं। जो दिखाता है कि पर्सनल फुलफिलमेंट और सच्ची खुशी अब सेलिब्रिटी कल्चर का नया ट्रेंड बन रहा है।

चर्चा: बदलती सोच और सामाजिक संदेश

Elli का कदम सिर्फ उनकी व्यक्तिगत पसंद का नहीं, बल्कि बदलती सोच और सामाजिक संदेश का प्रतीक भी है। वह यह दिखाती हैं कि मुख्यधारा की भीड़ से हटकर अपनी असली खुशियों को चुनना भी सही है और शायद यही आज के युवाओं, फैंस व समाज के लिए असल प्रेरणा है।

निष्कर्ष: Elli ने दी नई परिभाषा असली जश्न की

बॉलीवुड सितारों की दुनिया में Elli AvrRam का यह निर्णय बताता है कि असली जश्न वहां है, जहां अपना और अपनों का साथ हो न कि सिर्फ दिखावे और शोर में। उनका यह बदलाव बाकी सेलिब्रिटीज़ और आम लोगों के लिए भी मिसाल है।

संदर्भ

  • हालिया मीडिया इंटरव्यू और Elli AvrRam के ऑफिशियल सोशल मीडिया पोस्ट
  • बॉलीवुड ट्रेंड्स और मीनिंगफुल सेलिब्रेशन पर रिपोर्ट्स
  • भारतीय स्टार लाइफस्टाइल के बदलते पहलू
स्मृति ईरानी ने क्यों दिया क्योंकि सास भी कभी थी सेट पर मिसकैरेज का रिपोर्ट

स्मृति ईरानी ने क्यों दिया क्योंकि सास भी कभी थी सेट पर मिसकैरेज का रिपोर्ट, जानिए पूरी सचाई

"स्मृति ईरानी को 'क्योंकि सास भी कभी थी' सेट पर साबित करना पड़ा मिसकैरेज, वजह सुनकर चौंक जाएंगे आप!"

क्योंकि सास भी कभी थी के सेट पर स्मृति ईरानी को देना पड़ा मिसकैरेज का सबूत, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

टीवी शो "क्योंकि सास भी कभी थी" के आइकॉनिक किरदार तुलसी के रूप में मशहूर स्मृति ईरानी ने हाल ही में अपने एक खास और दर्दनाक अनुभव का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि जब उनका मिसकैरेज हुआ था, उस दौरान शो के मेकर्स को उनकी बात पर यकीन नहीं हुआ था। उन्हें अपनी असली स्थिति साबित करने के लिए अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट दिखानी पड़ी थी।

स्मृति ईरानी ने राज शमानी के पोडकास्ट में अपनी यह कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि इस दौरान वे शो के निर्माता दिवंगत रवि चोपड़ा और एकता कपूर के साथ काम कर रही थीं। रवि चोपड़ा ने स्मृति को केवल एक हफ्ते की छुट्टी दी, जबकि एकता कपूर लगातार रोज़ाना एपिसोड के प्रमाणीकरण में व्यस्त थीं।

पर जब प्रोडक्शन टीम को लगा कि स्मृति इस बात को झूठा साबित कर सकती हैं क्योंकि शूटिंग रोकना संभव नहीं था, तो उन्होंने स्नान के बाद हॉस्पिटल रिपोर्ट दिखाई। इस रिपोर्ट ने उनको मजबूर कर दिया कि वे अपनी बात साबित करें और मेकर्स को अपने मिसकैरेज के बारे में यकीन दिलाएं।

एक्ट्रेस ने यह भी बताया कि अपने बच्चों के जन्म के बाद भी उन्हें शूटिंग पर जल्दी लौटना पड़ता था, क्योंकि शो ऑन-एयर रहता था। इस कड़ी मेहनत और समर्पण ने ही तुलसी के किरदार को टीवी इतिहास में अमर बना दिया।

यह घटना उनके करियर के सबसे चुनौतीपूर्ण पलों में से एक थी, जो आज भी दर्शकों के लिए प्रेरणादायक है। स्मृति ईरानी की यह कहानी इस बात की गवाही है कि शूटिंग के दौरान कलाकारों की व्यक्तिगत परेशानियां भी कितनी गहरी होती हैं और उन्हें कैसे सहना पड़ता है।

वर्तमान में "क्योंकि सास भी कभी थी" का रीबूट 29 जुलाई 2025 से STAR Plus पर प्रसारित हो रहा है, जिसमें स्मृति ईरानी फिर से अपनी भूमिका में नजर आ रही हैं। इस शो की वापसी को लेकर फैंस भी काफी उत्साहित हैं।

जंक फूड एडिक्शन क्या है? कारण और समाधान पूरी जानकारी

जंक फूड की लत (Junk Food Addiction) एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो हमारे स्वास्थ्य और जीवनशैली दोनों पर भारी असर डालती है। यह तब होता है जब कोई व्यक्ति स्वादिष्ट लेकिन पोषण से कम, उच्च कैलोरी और ज्यादा चीनी, नमक व वसा वाले खाद्य पदार्थों को बार-बार खाने की लत लग जाता है। ऐसे खाद्य पदार्थों को समझना, इसका कारण, लक्षण और इससे निपटने के उपाय जानना बहुत आवश्यक है।

जंक फूड की लत क्या है?

जंक फूड की लत का अर्थ है खाने की ऐसी आदत जिसमें व्यक्ति अत्यधिक मात्रा में फास्ट फूड, पिज्जा, बर्गर, चिप्स, मिठाई, कोल्ड ड्रिंक आदि खाद्य पदार्थों की लगातार और अनियंत्रित खपत करता है। यह लत ड्रग एडिक्शन जैसी होती है, क्योंकि जंक फूड में मौजूद चीनी और वसा हमारे दिमाग के रिवार्ड सिस्टम को सक्रिय कर “खुशी और सुकून” का अनुभव कराते हैं, जिससे बार-बार खाने की इच्छा होती रहती है.

जंक फूड एडिक्शन के लक्षण

  • क्रेविंग (विशेष खाद्य पदार्थों की तीव्र चाहत): जंक फूड के लिए अचानक और बहुत अधिक लालसा होना।
  • अधिक मात्रा में खाना: तब तक खाना जब तक पेट पूरी तरह भरा ना लगे या असहज महसूस हो।
  • इच्छा के बावजूद नियंत्रण न कर पाना: जंक फूड खाने की आदत को कम करने के प्रयासों में विफल रहना।
  • खाने के बाद अपराध बोध या शर्म: खाने के बाद मन में अपराधबोध और दुःख होना।
  • गुप्त रूप से खाना: दूसरों से छुपा कर जंक फूड खाना।
  • रोकथाम के दौरान Withdrawal लक्षण: जैसे चिड़चिड़ापन, सिर दर्द, बेचैनी होना.

जंक फूड एडिक्शन के कारण

  • जैविक कारण: जंक फूड में पाए जाने वाले शुगर, नमक, वसा हमारे मस्तिष्क के रिवार्ड सिस्टम को सक्रिय करते हैं, जिससे डोपामिन हार्मोन का उत्सर्जन बढ़ता है, जो लत का कारण बनता है।
  • मनोवैज्ञानिक कारण: तनाव, चिंता, डिप्रेशन या बोरियत की स्थिति में लोग जंक फूड खाकर मानसिक आराम तलाशते हैं।
  • पर्यावरणीय कारण: जंक फूड की आसानी से उपलब्धता, विज्ञापन और सामाजिक दबाव भी इस लत को बढ़ाते हैं।
  • जेनेटिक कारण: कुछ लोगों का मस्तिष्क इन खाद्य पदार्थों के प्रति अधिक संवेदनशील होता है, जिससे वे आसानी से लत का शिकार हो सकते हैं.

जंक फूड एडिक्शन के दुष्परिणाम

शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

  • मोटापा और अधिक वजन (Obesity)
  • टाइप 2 डायबिटीज
  • हृदय रोगों का जोखिम बढ़ना
  • डायजेस्टिव समस्या जैसे एसिडिटी, गैस और अपच
  • मेटाबोलिक सिंड्रोम और फैटी लिवर डिजीज.

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

  • आत्मसम्मान में कमी, शर्मिंदगी और अपराधबोध
  • डिप्रेशन और चिंता
  • मूड स्विंग्स और पैनिक अटैक
  • सामाजिक एकाकीपन, क्योंकि लोग अपनी आदतों को छुपाते हैं या सामाजिक आयोजनों से बचते हैं.

जंक फूड एडिक्शन से कैसे बचें?

  • स्वस्थ आहार अपनाएं: होममेड, पोषणयुक्त भोजन को प्राथमिकता दें और तले-भुने, मीठे, अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थों की मात्रा कम करें।
  • जंक फूड की जगह हेल्दी स्नैक्स लें: जैसे फल, नट्स, दही आदि।
  • खाने के प्रति जागरूकता बढ़ाएं: भावनात्मक स्थिति में खाने से बचें और खाने पर पूरा ध्यान दें।
  • तनाव प्रबंधन: योग, मेडिटेशन, व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
  • जरूरत पड़े तो विशेषज्ञ की मदद लें: काउंसलिंग, थेरेपी, और सपोर्ट ग्रुप्स जंक फूड की लत से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं।

निष्कर्ष: जंक फूड की लत एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो शारीरिक तथा मानसिक दोनों रूपों में बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। इसके प्रति जागरूकता और सही जीवनशैली अपनाना जरूरी है। स्वास्थ्यवर्धक व संतुलित भोजन से अपनी और अपने परिवार की रक्षा करें।

शाहरुख या सलमान नहीं, ये एक्टर थे पहली बार 1 करोड़ फीस लेने वाले स्टार

शाहरुख या सलमान नहीं बल्कि इस एक्टर को पहली बार ऑफर हुई थी 1 करोड़ रुपये की फीस। यह स्टार कोई और नहीं बल्कि साउथ इंडियन फिल्मों के महानायक चिरंजीवी हैं।

1990 के दशक में जब बॉलीवुड के बड़े सितारे जैसे अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, सलमान खान अपनी फीस लाखों और फिर करोड़ों में ले रहे थे, उसी दौर में चिरंजीवी ने पहली बार एक फिल्म के लिए 1 करोड़ रुपयों से भी अधिक की फीस चार्ज कर इतिहास रच दिया था।

उनकी चर्चित फिल्म “आपदबंधवुदु” के लिए उन्हें करीब 1.25 करोड़ रुपये फीस दी गई थी, जो उस वक्त के लिए बहुत बड़ी रकम थी। इस रिकॉर्ड के साथ उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में सबसे पहले इतना मोटा फीस पाने वाले अभिनेता का खिताब पाया।

उस समय बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन भी 90 लाख रुपये तक फीस लेते थे, जबकि चिरंजीवी ने इस आंकड़े को पार कर दिया था। इसके बाद कमल हासन, रजनीकांत जैसे दिग्गज सितारों ने भी अपनी फीस बढ़ाई।

चिरंजीवी ने तेलुगु सिनेमा में अपने अभिनय के दम पर अपनी एक खास जगह बनाई। न केवल साउथ, बल्कि पूरे भारत में अपने एक्शन और ड्रामा से उन्होंने लाखों दिल जीते।

यह बात इसलिए भी खास है क्योंकि आमतौर पर बॉलीवुड अभिनेताओं को भारत में सबसे महंगे माना जाता है, लेकिन चिरंजीवी ने यह साबित किया कि साउथ के स्टार्स भी बड़ी फीस लेने में पीछे नहीं हैं।

इस तरह, शाहरुख खान या सलमान खान से पहले एक करोड़ की फीस लेने वाला पहला भारतीय अभिनेता चिरंजीवी ही थे, जिन्होंने दक्षिण भारतीय सिनेमा का नाम पूरे देश में रोशन किया।

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